पासपोर्ट केस: सरकारी जांच में खुलासा- दंपती से धर्म को लेकर अफसर ने पूछे थे गैरजरूरी सवाल

लखनऊ के एक कपल को पासपोर्ट जारी करने में धार्मिक आधार पर भेदभाव किए जाने के आरोपों पर उपजे विवाद के बाद अब सरकार की रिपोर्ट आई है। सरकार की आंतरिक जांच में पाया गया है कि पासपोर्ट अधिकारी ने तन्वी और अनस से धर्म को लेकर गैरजरूरी सवाल पूछे। सूत्रों के मुताबिक, पासपोर्ट आवदेन में बताए गए पते पर दंपती के न रहने से जुड़ी पुलिस रिपोर्ट भी ‘अप्रासंगिक’ थी।

बता दें कि 12 साल से शादीशुदा रिश्ते में बंधे मोहम्मद अनस सिद्दीकी और तन्वी सेठ ने 20 जून को ट्वीट करके आरोप लगाया था कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने लखनऊ पासपोर्ट ऑफिस में उनके साथ भेदभाव किया। इसके अगले दिन, रीजनल पासपोर्ट ऑफिस ने मिश्रा का ट्रांसफर गोरखपुर कर दिया और दोनों को पासपोर्ट जारी कर दिया गया। दंपती ने अपने ट्वीट में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी टैग किया था। उधर, दोनों को पासपोर्ट दिए जाने और अफसर के ट्रांसफर के बाद सुषमा टि्वटर पर लोगों के निशाने पर आ गईं।

आतंरिक जांच के मुताबिक, अफसर द्वारा दंपती के धर्म के बारे में पूछताछ करना गलत था। बता दें कि 26 जून को रीजनल पासपोर्ट ऑफिस को दी रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि बीते एक साल से तन्वी सेठ नोएडा में रह रही हैं, लखनऊ में नहीं जैसा कि उनके पासपोर्ट आवेदन में बताया गया था।

हालांकि, सूत्रों ने बताया कि नए नियमों के मुताबिक, पुलिस वेरिफिकेशन का सिर्फ दो मकसद है। एक यह जानना कि आवदेनकर्ता भारत का नागरिक है कि नहीं और दूसरा यह कि उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है या नहीं। चूंकि, दंपती ने सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए थे और स्थानीय पुलिस ने उनकी ‘नागरिकता’ और ‘साफ रिकॉर्ड’ की पुष्टि की थी, इसलिए उनके पासपोर्ट को क्लियरेंस दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *