पासपोर्ट के लिए अधिकारी ने मुस्लिम शख्स से हिंदू बनने को कहा, शिकायत पर तबादला

उत्तर प्रदेश में एक दंपति के पासपोर्ट का आवेदन इस बात पर खारिज कर दिया, क्योंकि पति मुसलमान था। आवेदन ठुकराने से पहले पासपोर्ट अधिकारी उस दंपति पर बुरी तरह भड़क उठा था। बोला, “पति को हिंदू बनाओ, फेरे लेकर आओ।” पीड़ित दंपति ने इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर शिकायत की। गुरुवार (21 जून) को आरोपी अधिकारी का तबादला कर दिया गया।

मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है। 2007 में मोहम्मद अनस सिद्दीकी की शादी तनवी सेठ से हुई थी। दोनों की छह साल की बेटी भी है। 19 जून (मंगलवार) को दंपनी ने पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन दिया था, जबकि 20 जून का उन्होंने लखनऊ स्थित दफ्तर में पासपोर्ट बनवाने के लिए अप्वॉइंटमेंट लिया था।

अप्वॉइंटमेंट के दिन पहले दो चरण के इंटरव्यू तो हो गए थे। मगर तीसरे चरण में सी काउंटर पर उन्हें एक अधिकारी से मिलना था। यहीं पर असल समस्या खड़ी हुई थी। एक चैनल को अनस ने बताया, “पंक्ति में मुझसे आगे पत्नी थी। सी-5 काउंटर पर वह पहुंची तो विकास मिश्रा नाम के अधिकारी ने दस्तावेज देखे। उन्होंने आगे पति के कॉलम में मेरा नाम पढ़ा और चिल्लाने लगे। पत्नी से कहा कि तुम्हें उससे (मुझसे) शादी नहीं करनी चाहिए थी। मेरी पत्नी इस पर रोने लगी, जिसके बाद मिश्रा ने कहा कि नाम बदलकर दस्तावेज सही करा के आओ।”

बकौल अनस, “पत्नी बोली कि हम नाम नहीं बदलना चाहते। न ही हमारे परिवार को इससे दिक्कत है। पासपोर्ट अधिकारी इस पर बोले कि आप एपीओ ऑफिस जाएं और वहां फाइल दें। अधिकारी ने इसके बाद मुझे बुलाया और वह अपमानजनक बातें बोलने लगे। बोले- मुझे हिंदू बनना होना, अन्यथा मेरी शादी स्वीकार नहीं की जाएगी। यही नहीं, कहने लगे- मुझे फेरे लेने होंगे और धर्म परिवर्तन कराना होगा।”

पीड़ित पति ने आगे बताया कि वे लोग इसके बाद आरपीओ विजय द्विवेदी के पास गए, जहां उन्होंने बताया कि वे गलत काउंटर पर पहुंच गए थे। साथ ही उन्होंने इस बारे में शिकायत केंद्र पर पूरा मामले बताने की हिदायत दी। पीड़ित पत्नी ने सुषमा स्वराज को ट्वीट करते हुए लिखा था, “हमारे साथ लखनऊ स्थित पासपोर्ट केंद्र पर बेहद बुरा व्यवहार किया गया था। सावर्जनिक स्थल पर यूं मॉरल पुलिसिंग की जाएगी, यह मैंने कभी नहीं सोचा था।”

आरोपी पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर गुरुवार को सफाई पेश करते हुए कहा कि वह सिर्फ ‘अपनी ड्यूटी’ कर रहे थे। उन्होंने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान अपनी तरफ से सफाई पेश करते हुए कहा, “तन्वी सेठ द्वारा दिए गए अप्लीकेशन में उनका हिंदू नाम था, जबकि निकाहनामे में मुस्लिम नाम था। इसको लेकर मैंने आपत्ति की थी। मैंने तन्वी को निकाहनामे में दर्ज नाम के मुताबिक अप्लीकेशन देने को कहा था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया।”

पासपोर्ट अधिकारी के मुताबिक, तन्वी सेठ के निकाहनामे में उनका नाम ‘शादिया अनस’ है, जबकि अप्लीकेशन और अन्य कागजात पर तन्वी सेठ नाम लिखा है। विकास मिश्रा ने कहा, “कई बार लोग फर्जी पासपोर्ट बनवाने के लिए नाम बदलने का सहारा लेते हैं, इसलिए हमें इसकी गहनता से जांच करनी पड़ती है। तन्वी और अनस के मामले में भी मैं सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहा था।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *