पीएम पर हंसी रेणुका चौधरी, गुस्साए वेंकैया नायडू तो नरेंद्र मोदी ने कहा- रहने दीजिए, रामायण के बाद पहली बार सुनी ऐसी हंसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में आज (7 फरवरी) को ठहाकों के बीच विपक्ष पर निशाना साधा। एक वक्त ऐसा आया जब हंसी के कारण माहौल गरम भी हो गया लेकिन प्रधानमंत्री ने उस माहौल को भी तंज मार कर ठंडा कर दिया। प्रधानमंत्री की बात पर कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने बहुत जोर से ठहाका लगा दिया। इस पर सभापति वेंकैया नायडू गुस्सा हो गए। उन्होंने प्रधानमंत्री को रोकते हुए रेणुका को गरम तेवर के साथ कहा कि यह व्यवहार संसदीय नहीं कहा जा सकता। लेकिन, प्रधानमंत्री ने यह कह कर माहौल को ठंडा बनाया ‘सभापति जी, मेरी प्रार्थना है आप रेणुका जी को कुछ नहीं कहें। रामायण सीरियल के बाद पहली बार ऐसी हंसी सुनी है।’
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रख रहे थे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मशहूर शायर बशीर बद्र के शेर के जरिये कांग्रेस पर तंज कसा, ‘‘जी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता।’’ मोदी ने कहा कि आलोचना लोकतंत्र की ताकत है, होनी चाहिए लेकिन लोकतंत्र झूठे आरोप लगाने का हक नहीं देता है, रानीतिक रोटिया सेंकने के लिए देश को निराश करने का अधिकार किसी को नहीं देता है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कल कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने भी बशीर बद्र को उद्धृत करते हुए कहा था कि दुश्नमी जमकर करो, लेकिन ये गुंजाइश रहे जब कभी दोस्त हो जाएं तो र्शिमंदा नहीं हों।’’ चर्चा का जवाब देते हुए आज मोदी ने कहा कि कल वह कांग्रेस पार्टी के नेता खड़गे जी का भाषण सुन रहे थे। वे समझ नहीं पा रहा था कि वे सत्तापक्ष को संबोधित कर रहे थे, आंध्र के लोगों को संबोधित कर रहे थे या अपने ही दल के नीति निर्धारकों को खुश करने का प्रयास कर रहे थे।
इससे पहले आज ही उन्होंने लोकसभा में भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए कांग्रेस पर तीखे व्यंग्य किए। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस देश में हुए सभी कार्यों का श्रेय खुद ले रही है। उन्होंने कहा कि अगर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जगह सरदार वल्लभ भाई पटेल होते तो कश्मीर सम्स्या नहीं होती।