पीएम मोदी नए चेहरों के दम पर बनाएंगे नया भारत

मंत्रिमंडल के बहुप्रतीक्षित फेरबदल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और मुख्तार अब्बास नकवी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जबकि नितिन गडकरी को नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रधानमंत्री नौ नए मंत्रियों को राज्यमंत्री और चार राज्यमंत्रियों को तरक्की देकर कैबिनेट मंत्री बना दिया। जिन चार मंत्रियों को पदोन्नति दी गई, वे सभी राज्यसभा के सदस्य हैं। साथ ही मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किया गया है। फेरबदल में वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण को अत्यंत महत्त्वपूर्ण माने जाने वाले रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। सुरेश प्रभु की जगह पीयूष गोयल को रेल मंत्री बनाया गया है। प्रभु को अब वाणिज्य के साथ उद्योग मंत्रालय सौंपा गया है। राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंत्रियों पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों समेत कुछ अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने शपथ ली, उनके अनुभव और बुद्धिमत्ता से काफी लाभ मिलेगा। हरदीप पुरी, अल्फांस कन्नाथनम और निर्मला सीतारमण ने अंग्रेजी में शपथ ली, जबकि धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास  के अलावा अश्विनी कुमार चौबे, वीरेंद्र कुमार, शिव प्रताप शुक्ला, अनंत कुमार हेगड़े, राज कुमार सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत और सत्यपाल सिंह ने हिंदी में शपथ ली। ताजा विस्तार के बाद मोदी मंत्रिपरिषद में अब 27 कैबिनेट मंत्री, 11 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 37 राज्य मंत्रियों समेत कुल सदस्यों की संख्या 76 हो गई है। उमा भारती से जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्रालय ले लिया गया है और उन्हें पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। धर्मेंद्र प्रधान का दर्जा बढ़ाकर कैबिनेट मंत्री किया गया है। उन्हें पेट्रोलियम मंत्रालय के अलावा कौशल विकास मंत्रालय का प्रभार भी दिया गया है। सुरेश प्रभु से रेल मंत्रालय का प्रभार लेकर उन्हें उद्योग और वाणिज्य मंत्री बनाया गया है। मुख्तार अब्बास नकवी को पदोन्नति देते हुए उनके पुराने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया गया है।

निर्मला सीतारमण रक्षामंत्री के नाते अब सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति की सदस्य होंगी जिसमें प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री शामिल होते हैं। फेरबदल और विस्तार में दो ऐसे लोगों को मंत्री बनाया गया है जो किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। इनमें हरदीप सिंह पुरी और अल्फांस कनन्नाथनम शामिल हैं। हरदीप भारतीय विदेश सेवा और अल्फांस भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अफसर हैं। राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, गिरिराज सिंह, आरके सिंह, हरदीप सिंह पुरी और अल्फांस कनन्नाथनम को स्वतंत्र प्रभार वाला राज्य मंत्री बनाया गया है। पूर्व गृह सचिव आरके सिंह को बिजली, नवीन और अक्षय ऊर्जा राज्यमंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार. हरदीप सिंह पुरी को आवास व शहरी विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार व अल्फांस कनन्नाथनम को स्वतंत्र प्रभार के साथ पर्यटन मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया है। नितिन गडकरी अब सड़क परिवहन, राजमार्ग व पोत परिवहन के साथ जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय का प्रभार भी संभालेंगे। पीयूष गोयल को नया रेल मंत्री बनाया गया है। वे कोयला मंत्रालय का प्रभार भी संभालेंगे।

धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम मंत्रालय के अलावा कौशल विकास मंत्रालय का प्रभार भी दिया गया है। पहले इस मंत्रालय का प्रभार राजीव प्रताप रूडी के पास था जिन्होंने मंत्रिपरिषद विस्तार से पहले इस्तीफा दे दिया था। राजस्थान के राज्यवर्द्धन सिंह राठौर को पदोन्नति देते हुए युवा और खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। वे सूचना प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री भी बने रहेंगे। रविवार को ही मंत्री बनाए गए उत्तर प्रदेश के शिव प्रताप शुक्ला को वित्त राज्य मंत्री, बिहार के अश्विनी चौबे को स्वास्थ्य राज्य मंत्री व मध्य प्रदेश के दलित सांसद वीरेंद्र कुमार को महिला व बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों का राज्य मंत्री बनाया गया है। कर्नाटक के अनंत कुमार हेगड़े को कौशल विकास राज्य मंत्री बनाया गया है। डाक्टर हर्षवर्द्धन के पास पहले की तरह विज्ञान और प्रौद्योगिकी व पृथ्वी विज्ञान के साथ वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का कामकाज बना रहेगा। भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा देकर बागपत से सांसद बने सत्यपाल सिंह को दो विभागों मानव संसाधन विकास और जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण में राज्य मंत्री बनाया गया है।

इससे पहले संजीव बालियान जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्रालय में राज्यमंत्री थे। रूडी की तरह उन्होंने भी मंत्रिपरिषद विस्तार से पहले इस्तीफा दे दिया था। बिहार के गिरिराज सिंह को पदोन्नति देते हुए लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्यम मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। इससे पहले यह मंत्रालय कलराज मिश्र कैबिनेट मंत्री के रूप में संभाल रहे थे। उन्होंने दो दिन पहले ही उम्र ज्यादा हो जाने के कारण मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था। राजस्थान के सेवानिवृत्त आइएएस अर्जुन राम मेघवाल का विभाग बदलते हुए उन्हें संसदीय कार्य राज्य मंत्री और जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण राज्य मंत्री बनाया गया है। मेघवाल पहले वित्त राज्य मंत्री थे। दिल्ली निवासी पर राजस्थान से राज्यसभा सदस्य विजय गोयल से खेल व युवा मामलों के मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार वापस लेते हुए उन्हें संसदीय कार्य, सांख्यिकी व कार्यक्रम अनुपालन राज्य मंत्री बनाया गया है। फेरबदल में सुदर्शन भगत को आदिवासी मामलों के राज्यमंत्री का प्रभार दिया गया है। वे पहले कृषि व किसान कल्याण राज्यमंत्री थे। यूपी की दलित कृष्णा राज को कृषि व किसान कल्याण राज्य मंत्री बनाया गया है।

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