पुणे : सड़कों पर ‘समंदर’, ये कैसा मंजर, नाव से बचाए गए घरों और दुकानों में फंसे लोग,

पुणे में बारिश से हाल खराब हैं. पानी में फंसे लोगों को नावों के सहारे निकाला जा रहा है. रास्तों पर पानी में डूबे चार पहिया और दोपहिया वाहन नजर आ रहे हैं.

महाराष्ट्र के पुणे में रातभर हुई झमाझम बारिश से जिले के बड़े हिस्से बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. लोगों की मदद के लिए नावों को तैनात किया गया है. वहीं बारिश के कारण स्कूल बंद कर दिए गए हैं. शहर की अग्निशमन ब्रिगेड, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तथा अन्य एजेंसियां ​​कई क्षेत्रों में पानी में फंसे लोगों को बचाने के लिए पहुंच गई हैं. गुरुवार सुबह लोग जब उठे तो उन्होंने खुद को 3-5 फीट गहरे पानी में फंसा पाया. टीमें नावों के माध्यम से फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं.

बचावकर्मियों ने अपने घरों या दुकानों में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए नावों और रस्सियों का इस्तेमाल किया, जबकि कुछ घरों में पानी छत तक पहुंच गया है. एनडीआरएफ ने निंबज नगर, डेक्कन जिमखाना और सिंहगढ़ रोड इलाकों में बचाव अभियान शुरू किया है. ये इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. शहर में पिछले 24 घंटों में 200 मिमी से अधिक बारिश हुई है.

केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री तथा पुणे के सांसद मुरलीधर मोहोल ने कहा कि खडकवासला बांध से 40 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने से स्थिति और खराब हो गई है.

नाराज स्थानीय लोगों ने सरकार की आलोचना की है. उनका कहना है कि सरकार ने बिना कोई सूचना के सुबह करीब 4 बजे मुला-मुथा नदी बेसिन में बांध के गेट खोल दिए. यदि उन्हें पहले जानकारी दी जाती तो लोग सुरक्षित स्थानों पर जा सकते थे.