पुलिस को विभिन्न पाठ्यक्रमों में दिया गया प्रशिक्षण

दिल्ली पुलिस को विभिन्न संस्थाओं और संस्थानों के सहयोग से उनके कौशल को बढ़ाने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया गया है। आइबी, सीबीआइ, सीएफएसएल, एम्स इत्यादि के विशेषज्ञ प्रशिक्षक भी दिल्ली पुलिसकर्मियों के कौशल की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कानून व्यवस्था की बैठक में दिल्ली पुलिस के प्रशिक्षण कार्यक्रम की समीक्षा की। उपराज्यपाल को यह भी सूचित किया गया कि पुलिस अधिकारियों के लिए विशिष्ट अध्ययन सामग्री सीडी, प्रशिक्षण फिल्मों, सूचनात्मक आदि के रूप में विकसित की गई है। यह भी सूचित किया गया कि गृह मंत्रालय ने झड़ौंदा कलां स्थित पुलिस प्रशिक्षण स्कूल को आधुनिक बनाने के लिए 137.78 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है जिसकी प्रस्तावित प्रशिक्षण क्षमता 2000 है। बैठक में यह भी बताया गया कि जिला स्तर पर सहायक प्रशिक्षण इकाइयां शुरू की गई हैं और 31 अगस्त 2017 तक 30,000 प्रतिभागियों के साथ 640 पाठ्यक्रम आयोजित किए गए।

उपराज्यपाल ने पुलिस बल के भीतर व्यवसायिकता को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बेहतर कौशल के साथ-साथ तनाव और प्रबंधन के लिए कौशल को सुधारने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया। उल्लेखनीय है कि खुफिया जांच, फौरंसिक, साइबर अपराध आदि ऐसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रोद्योगिकि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए कि वह प्रमुख विश्वविद्यालयों जैसे आइआइटी दिल्ली, इंदिरा गांधी टैक्नीकल यूनिवर्सिटि आॅफ वूमन आदि के साथ संबंध स्थापित करें और उनसे मार्गदर्शन लें।

 उपराज्यपाल ने सॉफ्ट स्किल और संचार कौशल में प्रशिक्षण के लिए प्रमुख निजी क्षेत्रों को शामिल करने का निर्देश दिया। उपराज्यपाल ने सेवाओं को जनता की सुविधा के अनुकूल बनाने के लिए मुख्य रूप से पीसीआर यूनिट एवं जनसुविधा डैस्क अधिकारियों के कम्युनिकेशन स्किल की महत्ता और जरूरत पर बल दिया है। पुलिस आयुक्त ने सूचित किया कि वर्तमान में दिल्ली के विभिन्न थानों में 70 जनसुविधा डैस्क अधिकारी तैनात हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *