There is no FIR concerning a scheduled crime by CBI or any agency. I anticipated they’ll search premises in Chennai again but in a comedy of errors they came to Jor Bagh (in Delhi) & officers told me that they thought Karti is an occupant of this house but he is not-P.Chidambaram
पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के दिल्ली और चेन्नई स्थित ठिकानों पर ईडी का छापा
एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के दिल्ली और चेन्नई स्थित ठिकानों पर छापा मारा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के बेटे पर मनीलांड्रिंग का आरोप है। ईडी ने इसी सिलसिले में शनिवार (13 जनवरी) को कार्ति के ठिकानों पर छापा मारकर छानबीन की है। ईडी ने इस मामले में पिछले साल 1 दिसंबर को भी कार्ति के रिश्तेदारों समेत अन्य लोगों के ठिकानों पर छापे मारे थे। ज्ञात हो कि पी. चिदंबरम ने बतौर वित्तमंत्री वर्ष 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील को विदेशी निवेश प्रबंधन बोर्ड (एफआईपीबी) के तहत मंजूरी दी थी। इस मामले में गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद ईडी ने जांच शुरू की थी।
ईडी पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि तत्कालीन वित्त मंत्री (पी. चिदंबरम) द्वारा एयर-मैक्सिस डील को मंजूरी देने की परिस्थितियों की जांच कर रहा है। जांच एजेंसी का आरोप है कि कार्ति ने गुड़गांव स्थित एक प्रोपर्टी को कथित तौर पर एक बहुराष्ट्रीय कंपनी को किराये पर दिया था, जिसके लिए वर्ष 2013 में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की मंजूरी हासिल की गई थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के बेटे पर कुछ बैंक खातों को बंद करने का भी आरोप लगाया गया है, ताकि मनीलांड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया को बाधित किया जा सके। कार्ति चिदंबरम पर अन्य बैंक खातों को भी बंद करने के प्रयास का आरोप लगाया गया है। जांच एजेंसी ने कहा था कि पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री के तौर पर मार्च, 2006 में एयरसेल-मैक्सिस को मंजूरी प्रदान की थी। वह सीधे तौर पर 600 करोड़ रुपये मूल्य के समझौते को ही मंजूरी देने में सक्षम थे। एयरसेल-मैक्सिस डील 800 मिलियन डॉलर (3,500 करोड़ रुपये) का था। ऐसे में इसके लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से स्वीकृति लेना अनिवार्य था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया था। हालांकि, पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं।
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पी. चिदंबरम ने ईडी की कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा, ‘सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों की ओर से किसी अपराध के लिए एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। मुझे इसका पहले से ही अंदाजा था कि वे (ईडी) चेन्नई स्थित ठिकानों पर फिर से तलाशी अभियान चलाएंगे। हास्यास्पद तो यह है कि जोर बाग (नई दिल्ली) में छापा मारने वाले अधिकारियों ने बताया कि उन्हें लगा था कि यह घर कार्ति का है।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि मनीलांड्रिंग कानून के तहत ईडी को जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। उनके मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने अपनी कार्रवाई को उचित ठहराने के लिए संसद में सरकार द्वारा दिए गए बयान से जुड़े दस्तावेज अपने साथ ले गए। इसके अलावा उन्हें और कुछ नहीं मिला।