पेट्रोल-डीजल पर 2 रुपए उत्पाद शुल्क घटाने के बाद केंद्र ने राज्यों से कहा- आप भी 5% वैट कम करो
पेट्रोल और डीजल पर 2 रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क घटाने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि आप भी तेल पर 5 फीसदी वैट कम करें। बुधवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘जिस तरह से केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए हैं, उसी तरह राज्य सरकारों से भी जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया है। अगर राज्य सरकारें तेल पर पांच फीसदी वैट कम कर देती हैं तो उपभोक्ताओं को और ज्यादा राहत मिलेगी।’
बता दें, तेल की कीमतों को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साध रही थीं। इसके बाद मोदी सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल और डीजल पर 2 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से उत्पाद शुल्क घटाया है। सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने पहली बार उत्पाद शुल्क घटाया है। नवंबर 2014 से अभी तक मोदी सरकार उत्पाद शुल्क 11 बार बढ़ा चुकी है।
बता दें, मंगलवार को उत्पाद शुल्क घटाने की घोषणा करते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा था कि सरकार के इस कदम से पूरे वित्त वर्ष में करीब 26 हजार करोड़ रुपए का रैवन्यू में घाटा होगा, जबकि मौजूदा बचे वित्त वर्ष में इससे 13 हजार करोड़ रुपए का घाटा होगा। भारत सरकार ने यह फैसला आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया है। साथ ही कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के बढ़ते दाम से लोगों को राहत देने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। बता दें, मोदी सरकार का यह फैसला उस वक्त आया है, जब देश के लगभग सभी राज्यों में पेट्रोल की कीमत 70 रुपए प्रति लीटर से ऊपर है। वहीं डीजल की कीमत करीब 60 रुपए प्रति लीटर है।
सरकार ने वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में नरमी को देखते हुए इसका लाभ उठाने के लिये तीन साल पहले शुल्क में वृद्धि की थी। अब इस बात को लेकर आलोचना हो रही थी कि वह उत्पाद शुल्क में कटौती नहीं कर रही है जबकि जुलाई की शुरुआत से लगातार ईंधन के दाम बढ़ रहे हैं। चार जुलाई से पेट्रोल की कीमत 7.8 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है जबकि डीजल की कीमत 5.7 रुपये बढ़कर अबतक के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गयी।