पेट्रोल पर एक्‍साइज ड्यूटी से मोदी सरकार ने की चार साल में करीब 150 गुना कमाई

पेट्रोल पर भारी एक्साइज ड्यूटी ने केंद्र सराकर की झोली भर दी। पिछले चार साल के दौरान 150 गुना राजस्व की कमाई सरकार को हुई है। मनमोहन सरकार के वक्त जितना एक्साइज ड्यूटी थी, उसमें अब तक मोदी सरकार 126 प्रतिशत की वृद्धि कर चुकी है। बता दें कि पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार लगाती है जबकि राज्य सरकार अपने स्तर से वैट और सेल्स टैक्स वसूलती है। मौजूदा समय पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 19.48 रुपये रुपये हैं, जबकि डीजल पर 15.33 रुपये। आखिरी बार पिछले साल चार अक्टूबर 2017 को ही रेट में परिवर्तन हुआ था। जब कीमत बढ़ने पर पहली बार केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में दो रुयपे की कमी की थी।

राज्यों में सेल्स टैक्स और वैट की अलग-अलग दरों के आधार पर ही पेट्रोल और डीजल की अलग-अलग कीमतें हैं।महाराष्ट्र की सरकार पेट्रोल पर सबसे ज्यादा वैट वसूल रही है। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 38.76 रुपये वैट वसूला जाता है। वैट से राज्यांश के हिसाब से महाराष्ट्र सरकार को प्रति लीटर पेट्रोल पर 24 रुपये, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश को 22, पंजाब को 21 रुपये मिल रहे। सर्वाधिक वैट लगाकर 20 रुपये से ज्यादा कमाने के मामले में तेलंगाना पांचवे नंबर पर है। इस सूची में पश्चिम बंगाल और दिल्ली क्रमशः 11 वें और 15 वें नंबर पर आते हैं। केंद्र सरकार को प्रति लीटर पेट्रोल पर 9.48 रुपये वैट का हिस्सा मिलता है।

केंद्र सरकार को अगर पेट्रोल पर थोपे गए टैक्स से कमाई की बात करें तो 27 मार्च 2017 को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान खुद लोकसभा में इसका खुलासा कर चुके हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कुछ आंकडे़ पेश किए थे। जिसके मुताबिक एक अप्रैल 2014 को मोदी सरकार से पहले पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये था। जब मई में एनडीए सरकार आई तो एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर अधिक से अधिक टैक्स वसूलने की तैयारी शुरू की। महज दो साल के भीतर मोदी सरकार ने एक्साइज टैक्स में 126 प्रतिशत की वृद्धि की। जिससे एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये से बढ़कर 21.48 रुपये हो गई।डीजल पर भी एक्साइज टैक्स की दर अधिक रही। मार्च 2016 तक डीजल पर चार बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई। जिससे 3.56 से बढ़कर टैक्स 17.33 रुपये हो गया। इस दौरान सरकार ने 144 प्रतिशत कमाई की। सरकार ने 2014-15 में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी से 99.184 करोड़, स्टेट वैट और सेल्स टैक्स से 137.157 करोड़, 2015-16 में 178.591 और 142.848 और 2016-17 में 242.691 और 166.378 करोड़ रुपये कमाए।

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