पेपर लीक पर किरोड़ी लाल मीणा को अहम सबूत देने वाला भूपेंद्र शरण कौन है?

राजस्थान की राजनीति में इस वक्त उस शख्स की चर्चा जोरो पर है, जिसकी दो साल पुरानी चिट्ठी लेकर किरोड़ी लाल मीणा एसओजी दफ्तर गए और इंस्पेक्टर पर रिश्वत लेकर दोषियों को बचाने का आरोप लगा दिया.

किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को एसओजी दफ्तर में एडीजी वीके सिंह से मुलाकात कर उन्हें पेपर लीक जांच से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सौंपे. मीणा ने कहा कि उनके पास एसआई भर्ती परीक्षा, रीट भर्ती परीक्षा और आरएएस परीक्षा में हुई गड़बड़ी से जुड़े अहम सबूत हैं, जिससे बड़े मगरमच्छ पकड़े जा सकते हैं. उन्होंने एसओजी के एक इंस्पेक्टर पर पेपर लीक माफिया भूपेंद्र सारण (Bhupendra Saran) से 64 लाख रुपये लेने का आरोप भी लगाया.

मीणा ने एक चिट्ठी भी दिखाई जो भूपेंद्र सारण ने उन्हें लिखी थी. इसमें भूपेंद्र ने अलग-अलग समय पर मोहन पोसवाल द्वारा ली गई रिश्वत का जिक्र किया है. मीणा ने कहा कि मोहन ने पेपर लीक प्रकरण में कई निर्दोष लोगों को फंसाया है और कई दोषियों को बचाया है. जाहिर है इसके बाद एसओजी की टीम पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

कौन है भूपेंद्र सारण?

पेपर लीक माफिया भूपेंद्र सारण कई मामलों का आरोपी है. उस पर पुलिस ने इनाम भी रखा था. भूपेंद्र फिलहाल जेल में है. एसआई भर्ती परीक्षा मामले में भी यह आरोपी है. भूपेंद्र पर करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं. भूपेंद्र सारण 2006 में आरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था. उसकी पोस्टिंग जयपुर में थी. यहीं उसकी मुलाकात जगदीश विश्नोई से विश्नोई धर्मशाला सोडाला में हुई. धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती बढ़ी और वह जगदीश विश्नोई “गुरु” की गैंग में शामिल हो गया. उस पर 2010 में पहला मुकदमा दर्ज हुआ. तब उसने सेकेंड ग्रेड नर्सिंग भर्ती परीक्षा में पेपर लीक कराया था. इसके बाद अलग-अलग मामलों में उसका नाम आता रहा. बाद में उसने जगदीश विश्नोई से अलग अपनी एक अलग पेपर लीक गैंग बना ली.

एसआई भर्ती परीक्षा मामले में भूमिका

भूपेंद्र सारण को एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर अनिल उर्फ शेर सिंह मीणा से मिला. अनिल ने 14 और 15 सितंबर के पेपर के लिए 25-25 लाख रुपये की डिमांड की. भूपेंद्र ने इतने ही रुपयों के बदले सुरेश ढाका को पेपर देने की डील की, लेकिन भूपेंद्र को सिर्फ 14 सितंबर का पेपर मिला. भूपेंद्र ने सुरेश ढाका से पैसे लेकर अनिल को दे दिए और दूसरे अभ्यर्थियों को भी पेपर पढ़ाया. उनसे लाखों वसूले. एसओजी ने उसके पास से एक डायरी जब्त की थी, जिसमें लाखों के लेनदेन का लेखा जोखा था.