पेरिस उद्घोषणा के लक्ष्य समय से पहले पूरे होंगे : हर्षवर्धन

पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने विश्व में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए जारी पेरिस उद्घोषणा में भारत द्वारा तय किए गए लक्ष्यों को समय से पहले पूरा करने का भरोसा दिलाया है। हर्षवर्धन ने विश्व पर्यावरण दिवस समारोह के दौरान सोमवार को राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस सम्मेलन में पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिए भारत के आठ लक्ष्यों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि साल 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को कम करने के इन लक्ष्यों की पूर्ति में उन्होंने सभी राज्यों से सकारात्मक सहयोग की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकारें मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ‘ग्रीन गुड डीड’ मुहिम को सामाजिक आंदोलन बनाकर प्रदूषण नियंत्रण में जन-भागीदारी को सुनिश्चित करें।

सम्मेलन में मौजूद संयुक्तराष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक एरिक सोलहेम को हर्षवर्धन ने भरोसा दिलाया कि पेरिस उद्घोषणा में भारत द्वारा साल 2030 तक सौ फीसद इलेक्ट्रिक वाहन चलाने और स्मार्ट ग्रीड से ताप विद्युत उत्पादन की जगह सौर ऊर्जा पर आधारित करने सहित अन्य लक्ष्य समय से पहले हासिल कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस दिशा में मोदी सरकार ने क्रांतिकारी कदम उठाए हैं जिनमें प्रदूषण मुक्त रसोईघर और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसी अहम योजनाए परिणाम देने लगी है। इतना ही नहीं, उन्होंने ग्रीन गुड डीड सहित अन्य अभियानों को विश्व समुदाय द्वारा स्वीकारने के हवाले से दावा किया कि पेरिस समझौते से जुड़े पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत में दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सर्वाधिक तेज गति से प्रयास किए जा रहे हैं।

हर्षवर्धन ने राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों से ग्रीन गुड डीड मुहिम में रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े 600 से ज्यादा चिह्नित पर्यावरण हितैषी कार्यों से जनता को जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस मकसद को सरकारें तब तक पूरा नहीं कर सकती जब तक कि इसमें जनता की सक्रिय भागीदारी तय नहीं होती, क्योंकि पर्यावरण का मूल सरोकार विशुद्ध रूप से जनता से है, और कार्बन उत्सर्जन में कमी जैसे मुख्य मकसद को पूरा करने में लोगों की मामूली आदतों में किया गया सुधार अहम उपाय है। ऐसे में सरकार को औद्योगिक क्षेत्र के उत्सर्जन पर नियंत्रण के लिए निर्णायक उपाय करना आसान होगा।

इससे पहले सोलहेम ने प्रदूषण नियंत्रण में भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने दुनिया को ‘अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस’ के माध्यम से समस्या के समाधान की राह दिखाई है। उन्होंने ग्रीन गुड डीड मुहिम को भी अनूठी पहल बताते हुए इसे मिली वैश्विक मान्यता को भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत बताया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भारत दुनिया का नेतृत्व कर सकता है और संयुक्त राष्ट्र इसमें अपने सीमित संसाधनों के माध्यम से हरसंभव मदद के लिए तैयार है। इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने वाहन जनित प्रदूषण, ई कचरा और औद्योगिक कचरे के निस्तारण में राज्यों को प्रभावी कानूनी अधिकार देने का सुझाव देते हुए केंद्र सरकार से संबद्ध कानून में संशोधन की मांग की। साथ ही उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी मिलने में अभी भी देरी होने का मुद्दा उठाते हुए इसे आसान बनाने का सुझाव दिया।

हर्षवर्धन ने मोदी के सुझाव को जायज बताते हुए कहा कि 90 दिन की समयसीमा में सभी मंजूरी आनलाइन देने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार है। इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा, जिससे परियोजनाओं को बिना विलंब के पारदर्शिता के साथ मंजूरी मिल सकेगी। इस अवसर पर पर्यावरण राज्य मंत्री महेश शर्मा और सचिव सीके मिश्रा ने भी शिरकत की। शर्मा ने चौथे विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ली गई प्लास्टिक मुक्ति की शपथ को पूरा करने में राज्य सरकारों की भूमिका को निर्णायक बताते हुए कहा कि इसे जन-आंदोलन बना कर ही शपथ को पूरा किया जा सकता है।

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