पैर पर पैर चढ़ा कर बैठेने से भड़के सवर्ण, तीन दलितों को उतार दिया मौत के घाट

तमिलनाडु के शिवगंगा में जातीय हिंसा के चलते तीन लोगों की जान चली गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दलित युवकों द्वारा सवर्णों के सामने पैर पर पैर चढ़ा कर बैठने पर बात इतनी बिगड़ी की तीन लोगों की हत्या हो गई। जिन तीन लोगों की हत्या हुई है वो तीनों दलित समुदाय के ही हैं। इस मामले में जमकर हंगामा हुआ। दरअसल पूरा मामला 26 मई से शुरू हुआ। अंग्रेजी न्यूज पोर्टल डीएनए के अनुसार जिले के करुप्पास्वामी मंदिर के बाहर दो दलित युवक, थिवेंथिरन और प्रभाकरन, पैर पर पैर चढ़ा कर बैठे थे। तभी मंदिर के अंदर से दो ऊंची जाति के लड़के बाहर निकले और दोनों दलित युवकों को पैर पर पैर चढ़ाकर बैठे देख भड़क गए। दलित युवकों का कहना है कि वो दोनों लड़के उन्हें गाली देने लगे और मारने की धमकी भी देने लगे। दोनों पक्षों के बीच बहस काफी बढ़ गई। इस घटना के बाद थिवेंथिरन और प्रभाकरन ने पुलिस में उन दोनों युवकों की शिकायत दर्ज करा दी। पुलिस केस होने से बौखलाए चंद्रकुमार नाम के सवर्ण युवक ने अपने दोस्तों और कुछ गांव वालों के साथ थिवेंथिरन और प्रभाकरन के घर पर हमला बोल दिया। पुलिस का कहना है कि चंद्रकुमार के साथ जितने लोग थे उन सबके हाथों में धारदार हथियार थे। इस हमले में दो घायल दलितों ने सोमवार को अस्पताल में दम तोड़ दिया था। गुरुवार 31 मई को तीसरे घायल दलित की भी मौत हो गई।

इन तीनों की मौत के बाद इलाके के दलित आक्रोशित हो गए और प्रदर्शन करने लगे। इनके परिवार वालों ने अस्पताल से इनके पार्थिव शरीर को लेने से इनकार करते हुए धरना देना शुरू कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन भी एक्टिव हुआ और प्रदर्शन करने वालों के बीच पहुंच उनकी मांगें सुनीं। प्रशासन ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मृत लोगों के परिजनों को 20 लाख और गंभीर रूप से घायल दलितों को 10 लाख के मुआवजे का प्रस्ताव प्रशासन द्वारा सरकार के सामने रखा गया है।

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