प्रत्यर्पण के मामलों को लेकर केन्द्र से नाराज सुप्रीम कोर्ट

प्रत्यर्पण के एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने केन्द्र सरकार के विधि अधिकारियों से पूछा कि  प्रत्यपर्ण में केन्द्र के अधिकारी आखिर सुप्रीम कोर्ट के साथ सहयोग क्यों नहीं कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि अदालत के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया जाए। अदालत के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश दिये जाने के बावजूद प्रत्यर्पण के केस में देरी किसी आधार में हो सकती है। अदालत ने केन्द्र के अधिकारियों से पूछा कि क्या कहीं ऐसा तो नहीं है कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अदालत ने इस मामले में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से 15 दिसंबर तक जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि अगर अदालत के आदेशों को पालन नहीं किया गया तो इस मामले में विदेश सचिव को कोर्ट में हाजिर किया जा सकता है।

बता दें कि इससे पहले समाचार एजेंसी एएनआई ने सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी को विजय माल्या से जोड़कर दिखाया था। लेकिन बाद में एएनआई ने स्पष्टीकरण देकर कहा कि ये मामला सीधे-सीधे विजय माल्या से ना जुड़ा होकर किसी ओर से जुड़ा है। एएनआई ने कहा कि कोर्ट की टिप्पणी भी महज संकेतात्मक है।

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