प्रद्युम्न हत्याकांड में गुरुग्राम पुलिस ने कराई किरकिरी

छात्र प्रद्युम्न हत्याकांड में जिस तरह से पुलिस ने कार्रवाई की, वह बहुत ही जल्दबाजी और बिना सिर-पैर की नजर आ रही है। पुलिस ने अपनी साख बचाने के लिए आनन-फानन में हत्याकांड की रात को ही रेयान स्कूल की बस के कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार करके उससे हत्या की बात कबूल करवा ली थी।
कंडक्टर अशोक की गिरफ्तारी के बाद चाकू भी पुलिस ने बरामद किया था और दावा किया था कि इसी चाकू से अशोक ने प्रद्युम्न की हत्या की है। साथ ही यह भी कहा कि प्रद्युम्न के साथ यौन संबंध बनाने में नाकाम रहने पर अशोक ने यह कदम उठाया, ताकि उसकी इस हरकत का खुलासा न हो। घटना के पूरे दिन पुलिस इसी गहनता से जांच कर रही है।

शाम होते-होते पुलिस की ओर से दावे किए गए कि वह हत्या के आरोपी तक पहुंच चुकी है। रात को पुलिस ने कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार करके प्रद्युम्न हत्याकांड का खुलासा करने का दावा कर दिया। इस दावे में कितनी सच्चाइ थी और कितनी झूठ, इस पर खूब सवाल खड़े हुए। जिस कंडक्टर अशोक को पुलिस ने आरोपी बनाया, उसके समर्थन में उसके गांव वाले भी आए गए। सभी ने इस बात की तसदीक की कि अशोक इस तरह का काम नहीं कर सकता। अशोक की बहन, पत्नी ने भी लगातार ये दावे किए कि अशोक बेकसूर है। भोंडसी जेल में बंद अशोक से मिलने पहुंची बहन व पत्नी के सामने भी अशोक रोया और यह कहा कि वह बेकसूर है। इस बात को वह अदालत में भी कहेगा। लेकिन उसकी एक न सुनी गई और उसे शिकंजे में कसकर रखा गया।

स्कूल पहुुंचते ही शौचालय गया था प्रद्युम्न
जिस दिन प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या हुई, उस दिन उसके पिता ने उसे व उसकी बहन को स्कूल छोेड़ा था। स्कूल में प्रवेश करते ही प्रद्युम्न सीधा शौचालय गया था। प्रद्युम्न के शौचालय में जाने के बाद किसी ने भी किसी अन्य छात्र या स्टाफ को बाहर निकलते नहीं देखा। सीसीटीवी में बाथरूम के बाहर तक की तस्वीरें तो नजर आर्इं लेकिन और कुछ नहीं पता चल पाया। इसलिए हत्या की यह गुत्थी उलझ गई थी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *