प्रधानमंत्री मोदी ने फिर किया वार- समाज को बांट रही है कांग्रेस

विधानसभा चुनाव का सामना करने जा रहे गुजरात में प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस पर अपने हमले जारी रखते हुए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी पर लोगों को जातिगत और धार्मिक आधार पर बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए आगामी दिनों में होने जा रहे चुनाव को ले कर भी विपक्षी पार्टी पर हमले किए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी का (सांगठनिक) चुनावों में धांधली का इतिहास रहा है। मोदी ने बुलेट ट्रेन परियोजना की आलोचना के लिए भी कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी पार्टी को इससे समस्या है तो वह बैलगाड़ी पर घूम सकती है। मोदी ने कहा, ‘गुजरात के लोग जानते हैं कि कांग्रेस क्या है। यह बार-बार रंग बदलती है। यह भाइयों के बीच दीवार खड़ी करती है। यह शहरी क्षेत्र को देश के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ, निरक्षरों को साक्षरों से और गरीबों को अमीरों से लड़ाना चाहती है।’ मोदी ने कहा कि पार्टी ‘एक जाति को दूसरी से और एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाना चाहती है।’ उन्होंने कहा, ‘वे आपको एक-दूसरे लड़ने में व्यस्त रखना चाहते हैं। आप भले ही मर जाएं, लेकिन कांग्रेस ‘मलाई’ खाएगी।’ मोदी ने ये बातें हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवानी और अल्पेश ठाकोर जैसी खास जातियों के नेताओं के साथ गठबंधन करने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहीं। मोदी ने आरोप लगाया कि पार्टी का सांगठनिक चुनावों में धांधली का इतिहास रहा है। मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है। उन्होंने कहा, ‘नतीजा क्या है सबको पता है।’ इस पर भीड़ ने कहा कि पद (कांग्रेस उपाध्यक्ष) राहुल गांधी को मिलेगा। मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी में यह दस्तूर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘देश का प्रधानमंत्री चुनने के लिए जब कांग्रेस पार्टी की उस वक्त बैठक हुई थी तो सरदार पटेल को जवाहर लाल नेहरू से अधिक वोट मिले थे। लेकिन उस चुनाव में धांधली हुई और नेहरू जीत गए।’ मोदी ने कहा कि यही मोरारजी देसाई के साथ भी हुआ।

कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला का उनके प्रथम नाम से उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि उसने चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए थे और आरोप लगाया था कि उसमें धांधली हो रही है। उन्होंने कहा, ‘वे सहिष्णुता, सहिष्णुता, सहिष्णुता जैसे शब्द का जाप करते रहते हैं, लेकिन पार्टी ने इस युवक को शांत करने के लिए फरमान लाया है। पार्टी ने उसे सभी व्हाट्स ऐप समूह से प्रतिबंधित कर दिया है। पार्टी ने उसका सामूहिक तौर पर बहिष्कार किया है।’ उन्होंने कहा, ‘गुजराती में हमारे यहां एक कहावत है कि कुएं में पानी हो तभी बाल्टी भरी जा सकती है। अगर आपके यहां (पार्टी) लोकतंत्र है ही नहीं तो देश में आप कैसे इसका पालन करेंगे।’ बाद में अमदाबाद में प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रभक्ति ने उन्हें और उनकी सरकार को इसाइयों सहित विभिन्न धर्मों के लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गांधीनगर के आर्चबिशप द्वारा जारी किए गए पत्र को फतवा करार दिया।
प्रधानमंत्री उस पत्र का संदर्भ दे रहे थे जो पिछले माह गांधीनगर के आर्चडायोसिस के आर्चबिशप थॉमस मैकवान ने जारी किया था। पत्र में उन्होंने इसाइयों से अपील की थी कि वे देश को राष्ट्रवादी ताकतों से बचाने के लिए प्रार्थना करें।

मोदी ने कहा ‘मैं यह देख कर हतप्रभ हूं कि एक धार्मिक व्यक्ति ने यह कहते हुए फतवा जारी किया था कि राष्ट्रवादी ताकतों को खत्म करें। यह राष्ट्रभक्ति ही है जिसने हमें दुनिया के किसी भी हिस्से में हर भारतीय की मदद करने के लिए प्रेरित किया।’ प्रधानमंत्री यहां श्री स्वामीनारायण गुरुकुल विश्वविद्या प्रतिष्ठानम के परिसर में एक अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कुछ लोग अगर ऐसे मूल्यों का विरोध करते हैं तो यह चिंताजनक है। आर्चबिशप ने यह भी कहा था कि अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की बढ़ती भावना की वजह से देश का लोकतांत्रिक ताना बाना दांव पर है। इसे सत्तारूढ़ भाजपा पर कटाक्ष के तौर पर देखा गया। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने विभिन्न धर्मों के लोगों की जान बचाई और उन्हें रिहा भी कराया है। उन्होंने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जारी संघर्ष में फंसे इसाई मिशनरीज और नर्सों को केंद्र सरकार द्वारा वापस लाए जाने के कुछ उदाहरण भी दिए।

 

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