प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई के जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह का चौथा टर्मिनल राष्ट्र को किया समर्पित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाहर लाल नेहरू पत्तन न्यास (जेएनपीटी) की 7,900 करोड़ रुपये की लागत से तैयार चौथी टर्मिनल परियोजना का पहला चरण आज राष्ट्र को सर्मिपत कर दिया। इससे देश के इस सबसे बड़े कंटेनर ढुलाई बंदरगाह की ढुलाई क्षमता 50 प्रतिशत बढ़ जाएगी। बंदरगाह की माल ढुलाई क्षमता को दो गुनी कर तकरीबन एक करोड़ मानक कंटेनर यूनिट करने की कोशिश की जा रही है। अगर ऐसा होता है तो यह दुनिया का 33वां सबसे बड़ा बंदरगाह बन जाएगा। चीन के पास दो करोड़ टीईयू (ट्वंटीफीट इक्विलेंट यूनिट) क्षमता के 15 बंदरगाह हैं।
मोदी ने रिमोट कंट्रोल से टर्मिनल का उद्घाटन किया। इस चौथे टर्मिनल के पहले चरण का परिचालन अधिकार पोर्ट ऑफ सिंगापुर अथॉरिटी (पीएसए) के पास है। प्रधानमंत्री ने इसके अलावा 16,700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पहले चरण की आधारशिला भी रखी। मोदी ने कहा, ‘यदि हमें वैश्विक दुनिया में अपने लिए जगह बनानी है तो हमें नौवहन बढ़ाना होगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार बंदरगाह क्षेत्र के विकास के साथ प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ने पर गौर कर रही है।
पीएसए के मुख्य कार्यकारी तान चोंग मेंग ने इस मौके पर कहा कि जेएनपीटी ने लंबे समय के बाद 2014 में उन्हें यह चौथे टर्मिनल का काम दिया। जेएनपीटी को अब तक क्षमता बढ़ाने के लिये काफी परेशानी झेलनी पड़ी। जिसके कारण निजी क्षेत्र के मुद्रा बंदरगाह आदि को अधिक अवसर मिले। जेएनपीटी की ढुलाई क्षमता 48 लाख मानक कंटेनर यूनिट है। नए टर्मिनल के उद्घाटन के साथ इसमें 24 लाख मानक कंटनेर इकाई और जुड़ गई है। वर्ष 2022 में दूसरे चरण के पूरा होने पर इसमें 24 लाख टन क्षमता और जुड़ेगी। कुल मिलाकर तब बंदरगाह की कंटेनर क्षमता एक करोड इकाई तक पहुंच जायेगी।