प्रियजनों की मौत का गम मनाने के लिए 7 दिन की छुट्टी देगा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को नए साल का गिफ्ट दिया है। बैंक ने परिवार के किसी भी सदस्य की मौत हो जाने पर कर्मचारियों को एक सप्ताह की छुट्टी देने का फैसला किया है। टीओआई के मुताबिक यह अवकाश पेड लीव होगा। यानी इस दौरान कर्मचारी का वेतन नहीं कटेगा। एसबीआई के उप महाप्रबंधक प्रशांत कुमार ने टीओआई को बताया है कि इस शोक अवकाश के अलावा बैंक ने उन रिटायर्ड कर्मचारियों को मेडिक्लेम प्रीमियम में 75 फीसदी रियायत देने का भी फैसला किया है जिनकी मासिक पेंशन 20 हजार रुपये या उससे कम है। जिनकी पेंशन 20,000 से 30,000 रुपये के बीच है, उन्हें मेडिक्लेम प्रीमियम में 60 फीसदी की रियायत दी जाएगी। बैंक ने सेवारत कर्मचारियों को भी मेडिक्लेम का फायदा दिया है। अब उनके परिजनों को 100 फीसदी मेडिक्लेम कवर मिलेगा। इससे पहले यह 75 फीसदी था।
एसबीआई ने मल्टीनेशनल कंपनियों के मुताबिक अपने एचआर रूल्स में बदलाव किया है और उसका फायदा कर्मचारियों को देने का निर्णय किया है। बैंक के एचआर डिपार्टमेंट के एक सर्कुलर में कहा गया है कि शोक की घड़ी में बैंक कर्मचारी अपने शोक संतप्त परिवार के साथ ज्यादा समय बिताएं, इसलिए सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के क्रम में इसका फैसला लिया गया है।
एचआर के सर्कुलर में ‘परिवार’ शब्द को परिभाषित किया गया है और उसमें पति या पत्नी के अलावा बच्चों और अभिभावकों (माता-पिता और सास-ससुर) को शामिल किया गया है। माता-पिता या सास-ससुर कर्मचारी पर निर्भर हों या नहीं, उन्हें भी परिवार में शामिल किया गया है। शोक अवकाश परिजनों की मौत के पन्द्रह दिनों के अंदर लिया जा सकेगा। यह अवकाश बैंक के सभी तरह के कर्मचारियों पर लागू होगा, चाहे वो स्थाई या अस्थाई कर्मचारी या अधिकारी हों या कॉन्ट्रैक्ट पर ही क्यों न तैनात हों।
बता दें कि देश में यह पहला मौका है जब सार्वजविक क्षेत्र के किसी उपक्रम ने परिजनों की मौत पर एक सप्ताह का शोक अवकाश कर्मचारियों को देने का फैसला किया है। निजी क्षेत्र के बड़े आईटी कॉरपोरेट्स इन्फोसिस, टीसीएस और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र की सिपला में पिछले कुछ सालों से इस तरह की छुट्टी का प्रावधान है।