प. बंगाल: कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी को समझाया- ताकतवर हो रही बीजेपी, ममता से मिलिए
लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल से गठबंधन किया जाए कि नहीं, इस मुद्दे पर कांग्रेस की राज्य ईकाई बंटी हुई नजर आ रही है। यह मतभेद शीर्ष कांग्रेस नेताओं की शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान भी नजर आया। कांग्रेस के कुछ विधायक तृणमूल के पाले में जाने की तैयारी में है। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष तुरंत किसी टूटफूट को रोकने में कामयाब रहे। पाला बदलने की तैयारी कर रहे ये नेता फिलहाल हाईकमान के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। तीन घंटे तक चली इस बैठक में राज्य ईकाई अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को हटाने की भी मांग उठी। राहुल ने चौधरी के अलावा राज्य के सांसदों, विधायकों और अन्य नेताओं से अलग-अलग मुलाकात की और उनकी राय जानी। राहुल ने उनसे जानना चाहा कि पार्टी की चुनाव में क्या रणनीति होनी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि तृणमूल से गठबंधन के मुद्दे पर नेताओं की राय बंटी रही और दोनों ही पक्ष यह दावा करते रहे कि अधिकतर नेता उनकी राय से सहमत हैं।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी सचिव और फरक्का विधायक मैनुल हक ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘मैं राहुल गांधी से कहा कि राज्य में अब राजनीतिक हालात 2016 विधानसभा चुनाव के वक्त से बिलकुल अलग हैं, जब हमने लेफ्ट के साथ गठबंधन किया था। बीजेपी उस वक्त कहीं नहीं थी। अब बीजेपी मजबूत हो रही है। कांग्रेस और तृणमूल, दोनों के लिए बीजेपी एक समस्या है। अगर हम चुनाव साथ लड़ेंगे तो कांग्रेस और तृणमूल दोनों के लिए फायदेमंद होगा। अगर हम अलग अलग लड़ेंगे और दोनों को नुकसान उठाना पड़ेगा।’ हक ने हाल ही में एक जनसभा में यह संकेत दिए थे कि अगर राज्य की सत्ताधारी पार्टी से गठबंधन नहीं हुआ तो वह कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में शामिल हो जाएंगे। हक के मुताबिक, राहुल ने उन्हें हाई कमान के फैसले तक इंतजार करने के लिए कहा है।
बता दें कि हक के इस राय के पक्ष में पार्टी के कई विधायक और सांसद हैं। वहीं, अधीर रंजन चौधरी और मनोज चक्रवर्ती जैसे नेताओं ने तृणमूल से गठबंधन का पुरजोर विरोध किया है। हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में चक्रवर्ती पर संदिग्ध तृणमूल कार्यकर्ताओं ने हमला किया था। सूत्रों के मुताबिक, चौधरी ने राहुल से कहा कि तृणमूल राज्य में कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष का सफाया करने की तैयारी में है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री दीपा दास मुंशी ने राहुल से कहा कि बंगाल में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है, जैसा कि पंचायत चुनाव के दौरान नजर आया था। दीपा ने राहुल को सुझाव दिया कि कोई ऐसा कदम न उठाया जाए, जिससे राज्य में पार्टी का सफाया हो जाए और उन कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटे, जिन्होंने तृणमूल के हमलों के बीच पार्टी का झंडा थाम रखा था।