फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट में बोली योगी सरकार, ताजमहल के आसपास बनाएंगे प्लास्टिक फ्री जोन

उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्व धरोहर 17 वीं सदी के स्मारक ताज महल की सुरक्षा और संरक्षण के लिये उच्चतम न्यायालय में आज पेश दृष्टिपत्र के प्रथम मसौदे में इस स्मारक के आसपास के समूचे इलाके को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित करने और प्रदूषण फैलाने वाली सारी औद्योगिक इकाइयां बंद करने का सुझाव दिया है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष उत्तर प्रदेश सरकार की वकील ऐश्वर्या भाटी ने इस मामले का उल्लेख कर यह दृष्टि पत्र पेश करने की अनुमति मांगी। अपेक्षित अनुमति मिलने के बाद यह दस्तावेज दाखिल किया गया। दुनिया के सात अजूबों में शामिल मुगलकालीन इस स्मारक की देखरेख के प्रति उदासीन रवैये को लेकर शीर्ष अदालत से 11 जुलाई को फटकार मिलने के बाद राज्य सरकार ने यह दृष्टिपत्र पेश किया।

राज्य सरकार ने इसमें सुझाव दिया है कि इस क्षेत्र में स्थित सभी प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को बंद कर दिया जाना चाहिए। सरकार ने अधिक से अधिक पर्यटक केन्द्रों का सृजन करने का भी सुझाव दिया है। दृष्टिपत्र में कहा गया है कि ताज महल के आसपास पैदल आवागमन को प्रोत्साहन देने के लिये विस्तृत यातायात प्रबंधन योजना की आवश्यकता है। इसमें यमुना नदी के सामने सड़कें बनाने के बारे में सोचना चाहिए ताकि यातायात नियंत्रित हो और पैदल आवागमन को बढ़ावा मिले।

सरकार के अनुसार यमुना नदी के मैदानी क्षेत्र में किसी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं होनी चाहिए और नदी तट पर स्वाभाविक रूप से पौधों को निकलने और बढ़ने देना चाहिए।
शीर्ष अदालत पिछले दो दशक से भी अधिक समय से ताजमहल के संरक्षण के लिये इसके आसपास के इलाके में विकास कार्यो की निगरानी कर रहा है। मुगल शहंशाह शाहजहां द्वारा आगरा में 1643 में अपनी बेगम मुमताज महल की याद में संगमरमर से निर्मित इस स्मारक को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित कर रखा है। शीर्ष अदालत ने महीने की शुरूआत में ताजमहल की तुलना पेरिस में एफिल टावर से करते हुये कहा था कि यह स्मारक शायद अधिक खूबसूरत है परंतु इसकी मौजूदा स्थिति की वजह से भारत लगातार विदेशी पर्यटकों और विदेशी मुद्रा गंवा रहा है।

केन्द्र ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि आईआईटी , कानपुर ताज महल और ताज ट्राइपेजियम जोन के आसपास वायु प्रदूषण के स्तर का आकलन कर रहा है।
ताज ट्राइपेजियम जोन 10,400 वर्ग किमी का क्षेत्र है जिसके अंतर्गत उप्र का आगरा , फिरोजाबाद , मथुरा , हाथरस और एटा तथा राजस्थान का भरतपुर जिला आता है।

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