फारुख अब्दुल्ला बोले- मैंने रॉ चीफ को ऐसी सुनाई थी कि उनकी पेशाब निकल गई होगी

कंधार विमान अपहरण कांड पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने बताया कि वह यात्रियों के बदले में आतंकियों को छोड़ने पर सहमत नहीं थे। इनमें मसूद अजहर भी शामिल था। फारुख ने बताया इस पर बात करने के लिए उनके पास आए प्रतिनिधिमंडल में रॉ के तत्कालीन प्रमुख एएस दुलत भी शामिल थे। पूर्व सीएम ने बताया कि यात्रियों के बदले आतंकियों को छोड़ने के विचार का उन्होंने पुरजोर विरोध किया था और दुलत को ऐसी सुनाई थी कि उनकी पेशाब निकल गई होगी। कांधार विमान अपहरण कांड के दौरान केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी।

एक टीवी कार्यक्रम में बोलते हुए फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि आज जिसे आतंकी करार दिलवाने के लिए भारत संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटा रहा है, वह आज कैद होता। इसके लिए हम एक विमान और तकरीबन दो सौ लोग भी कुर्बान नहीं कर सके। उन्होंने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनकी बात मानी गई होती तो चीन आज हमारी मांगों पर धप्पा नहीं मार रहा होता। फारुख ने कहा कि हमें वफादार नहीं कहा जाता है, लेकिन आप भी दिलदार कहां निकले।

भारत यात्रियों की कीमत पर रिहा किए गए मसूद अजहर को यूएन की काली सूची में डलवाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन चीन बार-बार वीटो कर दे रहा है। विमान संख्या आईसी-814 नेपाल से भारत की उड़ान पर था। आतंकी उसे अपने कब्जे में लेकर अफगानिस्तान के कांधार ले गए थे। आतंकियों ने यात्रियों को छोड़ने के एवज में मसूद अजहर समेत तीन आतंकियों को रिहा करने की मांग की थी। वाजपेयी सरकार इसके लिए तैयार हो गई थी। आतंकियों ने रुपेन कात्याल नामक यात्री की हत्या भी कर दी थी। उस वक्त हरकत-उल-मुजाहिदीन सक्रिय था। बाद में मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद नाम से अलग आतंकी संगठन बनाया। यह संगठन भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है।

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