फारूक अब्दुल्ला बोले- हम आतंकवादी नहीं, लेकिन उस भारत को स्वीकार नहीं करेंगे जहां बराबरी नहीं
नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला अपने बयान की वजह से फिर सुर्खियों में बने हुए हैं। उन्होंने कहा है कि वो उस भारत को स्वीकार नहीं करेंगे जहां इंसान को बराबरी हासिल नहीं। न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार (16 अगस्त, 2018) को जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा है, ‘हम आतंकवादी नहीं हैं। भारत से अलग नहीं होना चाहते हैं। भारत विरोधी भी नहीं हैं। मगर हम उस भारत को तस्लीम (स्वीकार) नहीं करेंगे जहां इंसान को बराबरी नहीं है। फिर चाहे वो हिंदू हो, मुसलमान हो, सिख हो, इसाई हो। हमें वो भारत चाहिए जिसका ख्वाब गांधी ने देखा था।’
बता दें कि इससे पहले फारूख अब्दल्ला ने कहा था कि वो किसी भी कीमत पर अनुच्छेद 35-A में बदलाव नहीं होने देंगे। 11 अगस्त, 2018 को दिए अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि वह कब्र में जाने तक अनुच्छेद 35-A के बदलाव के खिलाफ लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर इस संवैधानिक प्रावधान को हटाया गया तो हालात संभालने मुश्किल हो जाएंगे। मैं आखिरी सांस तक इसके खिलाफ लड़ता रहूंगा।
अनुच्छेद 35-A जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेष अधिकार देता है। इसके मुताबिक राज्य के बाहर का कोई व्यक्ति कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकता है। राज्य की कोई लड़की भी बाहर के लड़के विवाह नहीं कर सकती है। अगर वो ऐसा करती है तो कश्मीर से उसके सारे अधिकार छिन जाएंगे। मतलब वो भी कश्मीरी नहीं रहेगी।