फिर उभरी AAP की फूट, न्यूज क्लिपिंग शेयर कर बोले विश्वास- सरकार नहीं सरोकारों से मतलब

आम आदमी पार्टी (आप) की मुसीबतें खत्म नहीं हो रही हैं। पार्टी में कलह जारी है। पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहे वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास ने शुक्रवार (03 नवंबर) को एक न्यूज क्लिप शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें सरकार नहीं सरोकारों से मतलब है। कुमार विश्वास ने फेसबुक पर लिखा है, “शुक्रिया,,वैसे भी मुझे सरकारों का नहीं,सरोकारों का बुलावा पसन्द है।” इसके साथ ही उन्होंने उर्दू अकादमी के उपाध्यक्ष माजिर देवबंदी के आरोपों वाली खबर की क्लिपिंग भी शेयर की है, जिसमें देवबंदी ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि कुमार विश्वास के खिलाफ बोलने के लिए सरकार की तरफ से उन पर दबाव डाला जा रहा है। देवबंदी का आरोप है कि ऐसा नहीं करने की वजह से ही अकादमी की मैग्जीन में पिछले कुछ महीनों से उनका नाम नही छापा जा रहा है।

बता दें कि इससे एक दिन पहले दिल्ली के अलीपुर में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कुमार विश्वास के पहुंचने पर विधायक अमानतुल्लाह खान के समर्थकों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की थी। इसके जवाब में कुमार विश्वास के समर्थकों ने भी अमानतुल्लाह खान के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया था। बैठक में वक्ता के तौर पर जब मनीष सिसोदिया ने कुमार विश्वास को बुलाया तो कुमार ने वहां कुछ बोलने से इनकार कर दिया। मगर कुछ देर बाद उन्होंने ट्वीट कर अपना संदेश जगजाहिर कर दिया। उन्होंने लिखा, “ख़ुशियों के बेदर्द लुटेरो, ग़म बोले तो क्या होगा, ख़ामोशी से डरने वालो, ‘हम’ बोले तो क्या होगा..??”

दरअसल, आम आदमी पार्टी ने 30 अक्टूबर को विधायक अमानतुल्लाह खान का निलंबन रद्द कर दिया था। इससे नाराज कुमार विश्वास ने कहा कि खान “केवल मुखौटा हैं” और ये उन्हें राज्य सभा सदस्य बनने से रोकने की साजिश है। दिल्ली की ओखला विधान सभा से विधायक खान को मई 2017 में पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। खान ने उस समय कुमार विश्वास पर हमला करते हुए उन्हें “राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दलाल” बताया था। खान ने आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य विश्वास पर पार्टी के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया था। खान का निलंबन ऐसे समय में रद्द हुआ है जब पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक होने वाली थी। राष्ट्रीय परिषद आम आदमी पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है।

बता दें कि खान को पार्टी से निलंबित करने के बाद तीन सदस्यों की एक जांच कमेटी बनायी गयी थी जिसे मामले की जांच करनी थी। इस कमेटी में आप के तीन नेता आशुतोष, पंकज मिश्रा और अतिशी मारलेना शामिल थे। इस कमेटी ने 30 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट सौंपी और खान का निलंबन रद्द करने की घोषणा की।

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