फीफा इतिहास: सिर्फ छह बार मेजबान देशों के हाथ लगा है कप

संदीप भूषण

रूस में आज से शुरू हो रहे फुटबॉल महाकुंभ यानी फीफा विश्वकप की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उसे पहली बार इस बड़े टूर्नामेंट की मेजाबनी सौंपी गई है। प्रशंसकों को घरेलू मैदान पर मेजबान टीम से खिताबी जीत की उम्मीद होगी। हालांकि अब तक खेले गए 20 फीफा विश्व कप की कहानी तो कुछ और ही बयां कर रही है। अब तक मेजबान को घरेलू मैदान पर ज्यादा सफलता नहीं मिली है। छह दफा मेजबान देश विजेता बन पाए हैं। पहला विश्व कप 1930 में उरुग्वे में हुआ। इसमें उरुग्वे ने खिताबी मुकाबले अर्जेंटीना (4-2) जीता था। इसके चार साल बाद जब इटली को फीफा विश्व कप की मेजबानी मिली तो उसने खिताबी जीत दर्ज की। इस सत्र के फाइनल में इटली ने चेकोस्लोवाकिया को 2-1 से हराया था। हालांकि इतिहास में दर्ज ये दो बड़ी कामयाबी को दोहराने में बाद के मेजबानों को लंबा समय लग गया।

32 साल बाद जब फीफा कप की मेजबानी इंग्लैंड को मिली तो उसने लंदन के वेंबले स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के ज्यौफ हर्स्ट के तीन गोल की मदद से खिताबी जीत पाई। अतिरिक्त समय तक खिंचे मैच में पश्चिम जर्मनी को इंग्लैंड ने 4-2 से हराया था। यह उसका अब तक का एकमात्र खिताब है। इस 32 साल के बीच में पांच विश्व कप खेले गए लेकिन मेजबान अपने घरेलू मैदान का फायदा उठाने में नाकाम रहे। 1938 में फ्रांस में हुए तीसरे विश्व कप में इटली ने खिताबी जीत दर्ज की थी। वहीं 1950 में ब्राजील की मेजबानी में हुए विश्व को उरुग्वे ने जीता था। यही हाल 1954, 1958 और 1962 में फीफा विश्व कप के मेजबानों का हुआ।

मेक्सिको ने 1970 में पहली बार विश्व कप की मेजबानी की लेकिन क्वार्टर फाइनल में उसे इटली ने हरा दिया। तब ब्राजील के खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल में इटली को हराकर खिताब जीता था। इसके बाद पश्चिम जर्मनी ने मेजबान के सालों के सूखे को खत्म किया और अपनी सरजमीं पर उसने फाइनल मुकाबले में नीदरलैंड को 2-1 से हराया। इसके बाद अर्जेंटीना ने भी अपनी मेजबानी में यह मौका हाथ से नहीं जाने दिया। चार साल बाद 1978 में अर्जेंटीना को पहली बार इस टूर्नामेंट की मेजबानी सौंपी गई। इसमें नीदरलैंड को लगातार दूसरी बार उपविजेता बनकर संतोष करना पड़ा। अर्जेंटीना ने अतिरिक्त समय में फाइनल मुकाबले में नीदरलैंड को 3-1 से हराया था।

इसके बाद मेजबान को विजेता बनने के लिए 20 साल का इंतजार करना पड़ा। 1998 में विश्व कप की मेजबानी फ्रांस के पास थी। उसने फाइनल में खिताब की प्रबल दावेदार ब्राजीली टीम को 3-0 से हराकर खिताब अपने नाम किया। इस बीच 1982 का मेजबान स्पेन दूसरे दौर में हारकर बाहर हो गया था। इसके चार साल बाद 1986 में जब मैक्सिको ने एक बार फिर फीफा के इस टूर्नामेंट की मेजबानी हासिल की तो वह क्वार्टर फाइनल में हार गया था। इटली ने 1990 में बेहतरीन प्रयास किए लेकिन उसे तीसरे स्थान संतोष करना पड़ा। वहीं 1994 के मेजबान अमेरिका का अभियान ब्राजील ने अंतिम सोलह में ही थाम दिया था।

फ्रांस ने यह क्रम रोका था लेकिन इसके बाद से मेजबान के चैंपियन बनने का इंतजार बना हुआ है। जापान और दक्षिण कोरिया ने 2002 में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन विजेता बनने का उनका ख्वाब अधूरा ही रहा गया। जर्मनी ने 2006 में मेजबानी की लेकिन तीसरे स्थान पर रहा जबकि 2010 का मेजबान दक्षिण अफ्रीका लीग चरण से ही बाहर हो गया। 2014 में इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा ब्राजील भी इस क्रम को तोड़ने में नाकाम रहा है।

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