बंगला खाली करने के सवाल पर अखिलेश यादव की पत्रकारों से गुजारिश- नई जगह ढूंढ दो
लखनऊ में कथित रूप से बंगले की किल्लत से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्रकारों को कहा है कि अगर घर ढूंढ़ना इतना ही आसान है तो वे जरा उनके लिए एक बंगला खोजकर दिखा दें। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि लखनऊ स्थित उनके सरकारी घर को अभी खाली नहीं कराया जाए। उत्तर प्रदेश के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अदालत से बंगला खाली करने के लिए दो साल का और वक्त मांगा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के संपदा विभाग ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को इस महीने के अंत तक बंगला खाली करने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि अखिलेश ईवीएम के मुद्दे पर सोमवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान जब उन्हें बंगला खाली करने की अनिच्छा पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने लगभग बिफरते हुए कहा, “हमलोग बंगला खाली करने को तैयार हैं, लेकिन हमें और वक्त चाहिए, हम और नेताजी दोनों के पास रहने के लिए लखनऊ में कोई जगह नहीं है, यदि आप लोग हमारे लिए कोई जगह ढूंढ सकते हैं तो हमें बता दीजिएगा।” अखिलेश ने पत्रकारों से कहा कि आपलोग मुद्दे को भटका रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका में मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि उनकी बढ़ती उम्र और खराब सेहत की वजह से घर खोजने के लिए उन्हें टाइम चाहिए। जबकि अखिलेश यादव ने सुरक्षा कारणों और अपने बच्चों की पढ़ाई का हवाला देकर बंगले में और वक्त तक रहने के की इजाजत मांगी है। बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी अपने बंगले 13ए, माल एवेन्यू पर ‘श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल’ का बोर्ड लगाकर यह बताने का प्रयास किया है कि उनका बंगला कांशीराम के अनुयायियों की स्मृतियों से जुड़ा है। हालांकि राज्य संपत्ति विभाग ने मामले पर सीधा जवाब देते हुए कहा कि सिर्फ बोर्ड लगा देने से शीर्ष अदालत के आदेश पर अमल कराने में कोई बाधा नहीं है। उन्हें हर हाल में सरकारी आवास खाली ही करना होगा।