बच्चों के साथ दरिंदगी की वो घटनाएं जिसने इंसानियत को दहला दिया
मासूम बच्चों के साथ हैवानियत की हद पार कर जाने की यह वो दास्तान है जिसके बारे में जिसने भी सुना वो स्तब्ध हो गया। गंभीर बात यह भी है कि एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों बच्चों के साथ दरिंदगी करने का आरोप चर्च के पादरियों पर लगा है। मामला अमेरिका का है। यहां ग्रैंड ज्यूरी की एक रिपोर्ट में बच्चे और बच्चियों के यौन शोषण को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ पेन्सिलवेनिया में करीब 300 रोमन कैथोलिक पादरियों ने 1000 से भी ज्यादा बच्चों का शारीरीक शोषण किया है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि वर्ष 1940 के दशक से लेकर अगले 70 सालों में पादरियों ने इस शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया है। ग्रैंड ज्यूरी की इस सनसनीखेज रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यौन शोषण के शिकार बच्चों की संख्या इससे भी ज्यादा हो सकती है क्योंकि कुछ चर्च के गोपनीय रिकॉर्ड गायब हैं और कुछ ऐसे पीड़ित बच्चे भी हैं जो दहशत या अन्य दूसरी वजहों से सामने नहीं आए हैं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में आरोपी पादरियों पर कार्रवाई भी सही तरीके से नहीं हुई है। चर्च पर पादरियों पर कार्रवाई के बजाए ऐसी घिनौनी वारदातों पर पर्दा डालने का आरोप लगा है। कुछ भयानक वारदातों का जिक्र इस रिपोर्ट में करते हुए कहा गया है कि- एक पादरी ने 9 साल के एक मासूम बच्चे को ओरल सेक्स के लिए मजबूर किया और फिर होली वाटर से उसका मुंह धुलाया। इसी तरह एक और घटना का जिक्र करते हुए कहा गया है कि- एक पादरी ने 7 साल की बच्ची का उस वक्त रेप किया जब यह बच्ची बीमार थी और अस्पताल में भर्ती थी। पादरी बच्ची को देखने अस्पताल गया था।
यहां आपको बता दें कि बच्चों के साथ यौन शोषण को लेकर रिपोर्ट देने वाली इस ज्यूरी का गठन साल 2016 में किया गया था। इस ज्यूरी ने कई लोगों की गवाही ली और चर्च से जुड़े 5 लाख से अधिक आंतरिक दस्तावेजों का अध्ययन कर यह रिपोर्ट दी है। स्टेट अटॉर्नी जनरल जोश शौपिरो खुद इस जांच टीम का नेतृत्व कर रहे थे। उनके साथ हैरिसबर्ग, पीट्सबर्ग, ऐलेनटाउन, स्क्रैनटन, एरी और ग्रीन्सबर्ग जिलों के भी अधिकारी शामिल थे। यह जांच 18 महीनों तक चली थी।
‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के मुताबिक अमेरिका के कैथलिक चर्चों में यौन शोषण पर यह अब तक की सबसे बड़ी जांच रिपोर्ट है। 1400 पन्नों की इस रिपोर्ट में पाया गया है कि पेन्सिलवेनिया और वैटिकन में चर्च के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन यौन शोषण के मामलों को व्यवस्थित तरीके से छिपाने की कोशिश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ पादरियों ने जांच के दौरान यौन शोषण की बात कबूली भी है लेकिन मामला पुराना हो जाने की वजह से उनपर कार्रवाई करने में दिक्कतें भी आ सकती हैं। इधर कई पादरियों ने इस रिपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है और याचिका दायर कर कहा है कि रिपोर्ट में दर्ज उनके नामों को सार्वजनिक ना किया जाए क्योंकि इससे उनकी छवि को नुकसान पहुंच सकता है।