बजबजाते कूड़े के ढेर के बीच पकता खाना, नहीं पहुंचे रेलवे अधिकारी
जरा सोचिए कि रेल से सफर के दौरान आप जिस खाने को खा रहे हैं. वो बजबजाते कुड़े के ढेर के बीच पका हो, तो निश्चित ही आपके पूरे शरीर में सिहरन दौड़ जाएगी.
हर तरफ कूड़े का ढेर और सड़ांध
ऊपर जो तस्वीर नजर आ रही है, ये किसी मलिन बस्ति की नहीं है. बल्कि ये है रेलवे वेंडरों के खाने की वो तस्वीर जो आपको सफर के दौरान प्लेटफार्म पर उपलब्ध होता है. जी हां, यकीन मानिए कि इसी गंदगी और सड़ांध के बीच कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म पर बिक रहा खाना पकाया जा रहा है.
तस्वीरें झूठ नहीं बोलती, ये नजारा उस वक्त मिला जब कैंट बोर्ड के सभासदों ने रेलवे स्टेशन के आसपास पकने वाले खाने को लेकर छापा मारा. जहां का नजारा देखकर खुद सभासदों के भी होश उड़ गए. नजारा ही कुछ ऐसा था, कि जहां एक मिनट भी खड़ा होना दूभर हो रहा हो वहां हजारों लोगों का खाना पक रहा था.
बिना अनुमति के अवैध कैंटीनों का खेल
छापे के दौरान जब सभासदों ने पूछताछ की तो पता चला कि यहां अवैध वेंडरों के जरिए खाना पकवाया जाता है. फिर उसी खाने को प्लेटफार्मों पर वेंडर्स रेलवे पैसेंजरों को परोसते हैं. इतना ही नहीं इसकी दूसरी सच्चाई जानकर तो और भी हैरानी होगी.
ये अवैध कैंटीन कानपुर सेंट्रल स्टेशन से महज 2 सौ मीटर की दूरी पर चल रही है. लेकिन न तो रेलवे के किसी अधिकारी को भनक है और न ही क्षेत्रीय पुलिस की नजर कभी इन कैंटीनों पर गई. अवैध वेंडर्स लोगों के स्वास्थ्य से ये खिलवाड़ रेलवे की नाक के नीचे ही कर रहे हैं.
शिकायत के बाद भी नहीं पहुंचे अधिकारी
अवैध कैंटीन की जानकारी पर पार्षदों ने बोर्ड सीईओ के साथ रेलवे के डिप्टी सीटीएम को शिकायत की पर रेलवे का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. इस छापे के दौरान एक हकीकत और देखने को मिली. इन वेंडरों की अवैध कैंटीन में उत्तर मध्य रेलवे के छपे डिब्बे भी मिले. जिनमें लोगों को खाना पैक कर परोसा जाता है.
बोर्ड उपाध्यक्ष का दावा है कि यात्रियों के साथ-साथ रेलवे का भी यहां पर खाना बनता है. डिब्बों पर उत्तर मध्य रेलवे छपा मिला है. कैन्टीन के पास संड़ाध में खड़ा होना मुश्किल हो रहा था पर वहीं पर रेलवे यात्रियों के लिए बनाया जा रहा खाना तो हर हाल में संक्रमित होगा.