बदहाल अस्पताल ने ली हरियाणा की पहली महिला ट्रेन चालक की जान, बच्ची को जन्म देने के बाद दम तोड़ा

हरियाणा की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर रजनी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की भेंट चढ़ गई। मंगलवार को अंबाला के सिविल अस्पताल में प्रसव के दौरान रजनी की जिंदगी की डोर टूट गई। महिला की मौत के बाद उसके परिजनों ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करने की गुहार लगाई ताकि किसी और की जिंदगी से खिलवाड़ न हो सके। विज ने इस मामले में अधिकारियों को जांच के आदेश दे दिए हैं। अंबाला छावनी में चंद्रपुरी की रहने वाली रजनी रेलवे में बतौर लोको पायलट यानी रेल ड्राइवर के रूप में कार्यरत थी। प्रसव पीड़ा के बाद रजनी के परिजन 29 दिसंबर को अंबाला शहर के सिविल अस्पताल ले गए थे। रजनी के पति शिवशक्ति का कहना है कि 1 जनवरी की रात रजनी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई थी जो उसके लिए असह्य हो गई। वहां स्टाफ को सीजेरियन आॅपरेशन करने को कहा गया। पर स्टाफ ने नॉर्मल डिलीवरी की ही सलाह दी। रात में रजनी ने एक बेटी को जन्म दिया पर उसके बाद उसकी तबीयत ऐसी बिगड़ी कि जान बचाना मुश्किल हो गया।

पत्नी की मौत से आहत शिवशक्ति ने कहा कि हालांकि, महिला डॉक्टर और वार्ड में तैनात स्टाफ ने पूरा सहयोग दिया और रजनी को बचाने की भरसक कोशिश की, पर डिलीवरी के बाद बिगड़ी हालत में उसकी पत्नी को स्ट्रेचर पर ही इमरजंसी वार्ड लेकर जाया जा रहा था। तब स्ट्रेचर और आॅक्सीजन सिलेंडर संभालने को वहां पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध नहीं था। शिवशक्ति ने बताया कि पत्नी ने तड़पते हुए उसके हाथों में ही दम तोड़ा।

पैदा होते ही अपनी मां को खो देने वाली नवजात बच्ची फिलहाल अंबाला शहर के सिविल अस्पताल में भर्ती है। अस्पताल प्रबंधन ने रजनी की मौत को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। अंबाला के सीएमओ विनोद गुप्ता ने बताया कि डिलीवरी के दौरान महिला को कुछ शारीरिक दिक्कत हो गई थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे संभालने का प्रयास किया, पर महिला को बचाया न जा सका। लोको पायलट की मौत की खबर जब स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंची तो उन्होंने मामले पर अधिकारियों से बातचीत की। विज ने मीडिया से कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी कि मौत की असल वजह क्या रही। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

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