बरेली में कूड़े से बिजली बनाने की योजना

नगर निगम के महापौर उमेश गौतम ने बताया कि शहर के कूड़े के निस्तारण के लिए अब ऐसा संयंत्र लगाया जाएगा जिससे बिजली और खाद्य का उत्पादन होगा। इस आधुनिक संयंत्र को लगाने के लिए अमेरिका की एक कंपनी से निगम प्रशासन के अधिकारियों की बात भी चल रही है। यह संयंत्र लगाने के लिए निगम ने जमीन भी खरीद ली है। महापौर उमेश गौतम ने कहा कि शहर को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के अपने चुनावी वायदे को पूरा करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुराने किस्म के ठोस कूड़ा निस्तारण संयंत्र से सिर्फ कूड़े का निस्तारण होता था। लेकिन अब नई तकनीक से कूड़े के निस्तारण से बिजली और खाद का उत्पादन भी किया जा सकता है। बिजली और खाद का उत्पादन होने से कूड़े के निस्तारण पर खर्च होने के बजाय इससे तो मुनाफा होगा।

निगम ने इस नई तकनीक के कूड़ा निस्तारण संयंत्र को लगाने के लिए फरीदपुर में 110 बीघा जमीन खरीदी है। उन्होंने बताया कि रोजाना लगभग साढ़े चार सौ मिट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इससे बिजली का भी काफी उत्पादन हो सकता है। निगम ने खरीदी गई जमीन पर संयंत्र लगाने के लिए वायुसेना, सिंचाई और वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी हासिल कर लिए है। उन्होंने कहा कि शहर को साफ सुथरा बनाने के मकसद से शहर में पॉलीथीन के प्रयोग के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि पॉलीथीन की वजह से ही शहर के तमाम सीवर और नाले चोक हो गए है। उन्होंने शहर के सामाजिक संगठनों से भी पॉलीथीन के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए सहयोग मांगा है।

उन्होंने कहा कि शहर में इसी महीने पांच हजार से ज्यादा डस्टबिन सड़कों के किनारे और मोहल्लों में रखी जाएंगी ताकि लोग अपने घरो और दुकानों का कूड़ा इनमें डाल सकें। सड़क पर कूड़ा फेंकने वालों पर सख्ती से जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पॉलीथीन का इस्तेमाल करते पकड़े जाने पर 10 हजार से एक लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होेंने कहा कि पहले तो शहर में रोजाना एक बार भी ठीक से सफाई नहीं होती थी।

महापौर चुने जाने के बाद उन्होंने सुबह होने वाली सफाई के अलावा रात में भी शहर की सभी सड़कों और कालोनियों में सफाई कराना शुरू की है। उन्होंने कहा कि रात में सफाई कर्मचारियों के सड़कों पर मौजूद रहने से चोरी की घटनाओं पर भी काफी हद तक अंकुश लग सकेगा। उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन के आधीन चलने वाले कस्तूरबा बालिका विद्यालय, आजाद इंटर कॉलेज और तिलक इंटर कॉलेज में शिक्षा और शिक्षण का स्तर बेहतर बनाकर इन स्कूलों को कानवेंट स्कूलों से भी बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *