बरेली में निकाह हलाला के खिलाफ पहला केस दर्ज, दो बार शिकार बनी पीड़‍िता

उत्तर प्रदेश के बरेली में कुछ दिनों पहले 35 महिलाओं ने निकाह हलाला और तीन तलाक के खिलाफ सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील की थी। इन महिलाओं में शामिल एक महिला ऐसी भी थी, जिसकी आपबीती ने हर किसी को चौंका दिया था। बरेली की इस महिला के साथ उसके पति ने कुछ ऐसा किया था जिसके बारे में आप और हम कल्पना भी नहीं कर सकते। पीड़िता को निकाह हलाला के तहत अपने ससुर के साथ सोने पर मजबूर किया गया था। इतना ही नहीं पीड़िता के ऊपर देवर के साथ सोने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा था।

दरअसल, पीड़िता के पति ने साल 2011 में उसे तीन तलाक दे दिया था। उसके बाद पीड़िता के पति ने उससे दोबारा शादी करनी चाही, लेकिन ऐसा करने से पहले पीड़िता को निकाह हलाला का सामना करना था, इसलिए उसके पति ने उसका निकाह अपने पिता यानी पीड़िता के ससुर से करा दिया। हलाला के बाद पीड़िता के पति ने एक बार फिर उससे निकाह कर लिया और दोनों साथ में रहने लगे। कुछ समय बाद दोनों के बीच फिर झगड़ा हुआ और पीड़िता के पति ने 2017 में उसे एक बार फिर तलाक दे दिया। बात यहीं पर नहीं खत्म हुई, बरेली की इस पीड़िता के पति ने एक बार फिर उसके ऊपर हलाला का दबाव बनाया और इस बार देवर के साथ सोने की बात कही, लेकिन पीड़िता इस बार तैयार नहीं हुई और उसने विरोध के स्वर ऊंचे कर दिए।

पीड़िता ने निदा खान से मुलाकात की। निदा खान वही महिला थीं जो तीन तलाक के खिलाफ लड़ रही थीं। निदा खुद तीन तलाक पीड़िता थीं। उन्होंने बरेली की इस पीड़िता के साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की और 8 जुलाई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करवाई गई। इस कॉन्फ्रेंस में तीन तलाक और निकाह हलाला से पीड़िता करीब 35 महिलाओं ने अपना दर्द बयां किया और सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील भी की।

बरेली में दर्ज हुआ हलाला के खिलाफ पहला केस
पीड़िता की समस्या और पूरी आपबीती जब सामने आई तब पुलिस महकमा भी सक्रीय हो गया। हलाला के मामले में उत्तर प्रदेश के बरेली में पहला केस दर्ज कर लिया गया है। न्यूज़ 18 के मुताबिक इस मामले में पीड़िता के ससुर समेत पूरे परिवार को आरोपी बनया गया है।

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