बाबरी: राम जन्‍मभूमि न्‍यास ने राहुल गांधी को बताया ‘रामद्रोही’, कहा- इनके मंदिरों में घुसने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए

राम जन्‍मभूमि मंदिर निर्माण न्‍यास ने राहुल गांधी के खिलाफ बेहद सख्‍त रुख अपना लिया है। न्‍यास के राष्‍ट्रीय महासचिव डॉक्‍टर पंडित अमरनाथ मिश्र ने राहुल को ‘रामद्रोही’ करार देते हुए मंदिरों में उनके प्रवेश को प्रतिबंधित करने की वकालत की है। इस बाबत उन्‍होंने स्‍वरूपानंद सरस्‍वती को पत्र लिखा है। पत्र की प्रतिलिपि राहुल गांधी, शिवसेना अध्‍यक्ष उद्धव ठाकरे, जगन्‍नाथ पुरी के स्‍वामी निश्‍चलानंद सरस्‍वती, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष नरेंद्र गिरि को भी भेजी गई है। न्‍यास के महासचिव ने सुप्रीम कोर्ट में सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड की पैरवी करने को लेकर कांग्रेस नेता और वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता कपिल सिब्‍बल की भी कड़ी आलोचना की है।

अमरनाथ मिश्र ने पत्र में लिखा, ‘रामद्रोही राहुल गांधी जब तक अपनी जाति, अपना वर्ण और गोत्र प्रमाणित तौर पर प्रस्‍तुत नहीं करते तब तक उनके मंदिरों में जाकर पूजन-दर्शन करने पर प्रतिबंध लगाया जाए। रामद्रोही राहुल गांधी अपने पिता स्‍वर्गीय राजीव गांधी द्वारा राम जन्‍मभूमि का ताला खुलवाने एवं वहां पूजन कराने वाले कार्य को भी धता बता रहे हैं।’ न्‍यास के महासचिव ने लिखा, ‘ऐसा ज्ञात हुआ कि रोम राज्‍य के अनुयायी राहुल गांधी ने सुबह नाश्‍ते में अंडा, मांस और मछली का सेवन कर मंदिरों में पूजा करने जाते हैं। ऐसे में वह मंदिरों की शुद्धता को दूषित कर सनातन धर्म के प्रति आस्‍था रखने वालों के सामने भ्रामक स्थिति उत्‍पन्‍न कर रहे हैं।’

न्‍यास के महासचिव ने आरोप लगाया कि राहुल के दबाव के कारण ही इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने 30 सितंबर 2010 में राम जन्‍मभूमि का बंटवारा किया गया था। इसमें भी कांग्रेस के नेतृत्‍व वाली तत्‍कालीन केंद्र सरकार ही जिम्‍मेदार थी। उन्‍होंने लिखा कि सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड उत्‍तर प्रदेश की एक संस्‍था है, ऐसे में योगी आदित्‍यनाथ की राज्‍य सरकार पर भी प्रश्‍नचिह्न लग रहा है। अमरनाथ मिश्र के अनुसार, राम जन्‍म स्‍थल पर भव्‍य मंदिर निर्माण के लिए सबसे बड़ी बाधा कांग्रेस नेता और अधिवक्‍ता कपिल सिब्‍बल हैं। उन्‍होंने इसकी निंदा भी की है। साथ ही कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी सिब्‍बल से असहमति रखती है तो उसे सार्वजनिक तौर पर इसका खंडन करना चाहिए और इस मसले पर अपनी स्थिति स्‍पष्‍ट करनी चाहिए। बकौल अमरनाथ, अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करती है तो यह माना जाएगा कि इन सबके पीछे कांग्रेस का ही हाथ है।

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