बाबर काजमी को देख भड़के पैनलिस्ट ने बीच में ही छोड़ी डिबेट, बोले- भारत माता को गाली देने वालों के साथ मैं नहीं बैठ सकता
असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) में करीब 40 लाख लोगों का नाम नहीं आने पर ये मामला पिछले तीन दिनों राष्ट्रीय मुद्दा बना हुआ है। राजनीतिक पार्टियों की राय भी इस मामले में अलग बनी हुई है। असम की कई स्थानीय पार्टियों का आरोप है कि राज्य सरकार ने कुछ विशेष लोगों के नाम NRC लिस्ट से बाहर किए हैं जबकि कुछ खास लोगों को इसमें जगह दी गई। NRC विवाद के साथ इन दिनों एक और मुद्दे पर देशभर में बहस हो रही है। ये है अनुच्छेद 35-A, जो जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को विशेष अधिकार देता है। स्थाई नागरिक की सुविधाएं इसी अनुच्छेद से तय होती हैं। इसके मुताबिक जम्मू-कश्मीर से बाहर का व्यक्ति राज्य में सरकारी नौकरी नहीं कर सकता। इसके अलावा गैर कश्मीरी घर-जमीन भी नहीं खरीद सकता।
हिंदी टीवी चैनल न्यूज18 इंडिया पर इन्हीं मुद्दों पर डिबेट की गई। डिबेट की हेडलाइन थी, क्या सियासी फायदे के लिए कांग्रेस-लेफ्ट विदेशी घुसपैठियों के समर्थक और हिंदुस्तानी शरणार्थियों के खिलाफ हैं? मगर बहस तब दूसरे रुख की तरफ मुड़ गई जब वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक सोमनाथ सिंघा रॉय ने यह कहकर डिबेट छोड़ दी कि वो वरिष्ठ वकील सैय्यद बाबर कादरी के साथ बहस में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि बाबर कादरी, जो भारत माता को गाली देते हैं, मशहूर होने के लिए किसी विशेष समुदाय के हक में बोलते हैं और भारत मां को गाली देते हैं। इसलिए वह किसी भी हाल में बाबर कादरी के साथ बहस में हिस्सा नहीं लेंगे।
इस दौरान कार्यक्रम के संचालक सुमित अवस्थी ने कई बार रॉय से डिबेट में बैठे रहने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं माने और बहस बीच में छोड़कर चले गए। वहीं बाबर कादरी ने उन सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया जो उनपर लगाए गए। भारत माता को गली देने वाली बात को भी उन्होंने बेबुनियाद बताया।