बारहवीं की छात्रा ने पानी समझ कर पी लिया तेजाब, अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया

दिल्ली के पांडव नगर इलाके में 12वीं की एक छात्रा ने पानी समझ कर तेजाब पी लिया। घटना के समय घर में वह अकेली थी। शनिवार दोपहर करीब 3.30 बजे घटना की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलने पर पुलिस ने छात्रा को लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई।  पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त ओमवीर सिंह का कहना है कि प्रारंभिक स्तर पर पता चला है कि 19 साल की गुलिस्तां स्कूल से लौटी थी और खाना खाने के बाद बोतल में रखे तेजाब को पानी समझ कर पी गई थी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया है। फिलहाल परिजनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन की जा रही है।  पुलिस के मुताबिक गुलिस्तां अपने परिवार के साथ शशि गार्डन में रहती थी। परिवार में पिता दीन मोहम्मद, मां और पांच बहन-भाई हैं। दीन मोहम्मद की इलाके में पेंट व अन्य सामान की दुकान है।  गुलिस्तां पास के सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा की छात्रा थी। दो दिन पूर्व हापुड़ में दीन मोहम्मद के रिश्तेदार की मौत हो गई। पूरा परिवार हापुड़ गया हुआ था। गुलिस्तां व उसकी बड़ी बहन हुस्नों व एक भाई घर पर थे। शनिवार दोपहर गुलिस्तां स्कूल से घर पहुंची। खाना खाने के बाद उसने बोतल में पड़े तेजाब को पानी समझ कर पी लिया।

पीते ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। गुलिस्तां की बड़ी बहन हुस्नो ने माता-पिता को सूचना दी। बाद में इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। गुलिस्तां को अस्पताल ले जाया गया, जहां तबीयत बिगड़ने पर उसे आइसीयू में भर्ती करा दिया गया।इलाज के दौरान रविवार तड़के गुलिस्तां ने दम तोड़ दिया। पूछताछ के दौरान दीन मोहम्मद ने पुलिस को बताया कि जाने से पहले वह दुकान का कुछ सामान घर पर रख गया था। उसमें वह बोतलें भी थीं।  शोक में डूबे दीन मोहम्मद ने खुद को कोसते हुए कहा कि वह दिन ही खराब था, जब वह तेजाब लेकर आए थे और उसे खुले में रख दिया था। उन्होंने बताया कि उनका पेंट का काम है। इस कारण से वह अकसर तेजाब का इस्तेमाल करते रहते हैं। तेजाब की बिक्री पर कुछ पाबंदियां होने के बावजूद इसकी धड़ल्ले से खरीद-फरोख्त होती है। हालांकि, समय-समय पर इसके खिलाफ अभियान भी चलाया जाता है। बावजूद इसके कुछ दुकानदार बाज नहीं आते।
डॉक्टर निमेष जी. देसाई ने इस मामले पर कहा कि यह मानवीय चूक तो है ही लेकिन हो सकता है कि लड़की तनाव में रही हो। यह लोगों की जिम्मेदारी है कि घर में ऐसे सामान को बच्चों की पहुंच से दूर रखा जाए।

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