बिहारः मुफ्त में पुलिस को नहीं दी भाजी तो नाबालिग को जेल, नीतीश कुमार ने दिए जांच के आदेश

बिहार में पुलिस वाले को भाजी (सब्जी) मुफ्त में न देने पर एक 14 साल के लड़के को जेल भेज दिया गया। यह घटना राजधानी पटना की है, जिसके सामने आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दखल दी है। गुरुवार (21 जून) को उन्होंने इस मामले में जांच कराने के आदेश दिए हैं, जिसे आईजी रैंक का अधिकारी करेगा। साथ ही उसे दो दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

यह घटना इसी साल मार्च महीने की है, मगर बुधवार (20 जून) को इसका खुलासा हुआ। पीड़ित के घर वाले बेटे को न्याय दिलाने के लिए कई दिनों से पुलिस अधिकारियों से लेकर कई दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे। पत्रकार नगर में बेटा भाजी की दुकान लगाता है, जहां पर कुछ पुलिस वाले आकर उसे परेशान करते थे और मुफ्त में भाजी मांगते थे। मना करने पर उन्होंने उसे गिरफ्तार कर लिया और मोटरसाइकिल चुराने के फर्जी मामले में फंसाकर दो अन्य आरोपियों संग बेउर जेल में बंद कर दिया।

पीड़ित के पिता सुखलाल पासवान का कहना है कि पुलिस वाले उनके बेटे पर मुफ्त में भाजी देने के लिए दबाव बनाते थे। मगर वह काफी दिनों से उन्हें मना करता आ रहा था। ऐसे में उसके खिलाफ साजिश रच दी गई। मां ज्ञानती देवी ने दावा किया कि बेटे को कोर्ट में 18 साल से अधिक दिखाया गया है, जबकि दस्तावेजों (असल उम्र) में उसकी उम्र सिर्फ 14 साल है।

उधर, नाबालिग का आरोप है कि उस पर हमला हुआ था। खाली कागज पर उससे साइन कराने के लिए दबाव तक बनाया गया था। ये बातें उसने पिता को बताई थीं। परिजन का आरोप है कि पुलिस बेटे को जबरन उठा ले गई, मगर किसी ने उनकी सहायता नहीं की। उन्होंने आरोपी पुलिस वालों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है।

पटना रेंज के आईजी नय्यर हसनैन खान ने कहा कि सीएम ने इस मामले का संज्ञान लिया है, जिसके बाद पुलिस जांच शुरू कर दी गई है। अगर आरोपी पुलिस वालों की गलती पाई गई, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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