बिहार: चुनाव नजदीक आते देख सामने आए CM पद के कई दावेदार, दौड़ में हैं दोनों गठबंधनों के ये नेता

बिहार में चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे दोनों खेमों यानि एनडीए और इंडिया एलायंस में मुख्यमंत्री के चेहरे बनने की होड़ बढ़ती जा रही है.इन दलों के नेता और उनके समर्थक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी अभी से कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि अभी तक किन नेताओं के नाम इस दौड़ में शामिल हैं.
एनडीए में कितने दावेदार
अगर हम बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए की बात करें तो इस खेमे से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार जेडीयू नेता नीतीश कुमार ही हैं. बीजेपी की ओर से सम्राट चौधरी के नाम की चर्चा भी जोर पकड़ती जा रही है. नीतीश के स्वास्थ्य को लेकर अटकलों का दौर शुरू होने के बाद से सम्राट चौधरी के नाम की चर्चा जोर पकड़ती जा रही है.
एनडीए खेमे से एक और नाम की चर्चा जोर पकड़ रही है, दरअसल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कूदते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने हाल में दिल्ली में यह वक्तव्य दिया कि उनका दिल बिहार में ही लगता है. उनके पिता रामविलास पासवान ने हमेशा दिल्ली और केंद्र की राजनीति की लेकिन उनकी इच्छा अपने प्रदेश बिहार की राजनीति करने की है.जाहिर तौर पर उनका इशारा मुख्यमंत्री पद की ओर था. चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) बिहार में एनडीए का प्रमुख घटक दल है. इसे देखते हुए चिराग चाहते हैं कि अगर एनडीए की सरकार बने तो मुख्यमंत्री पद पर उनके नाम पर भी गौर किया जाए.
महागठबंधन से कौन होगा सीएम पद का चेहरा
वहीं आप अगर विपक्षी दलों के महागठबंधन की बात करें तो सबसे बड़े चेहरे के तौर पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के तेजस्वी यादव के नाम की चर्चा सबसे आगे है. वो पहले दो बार उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं. विधानसभा में आरजेडी सबसे बड़ा दल है, इस वजह से उनका स्वाभाविक दावा बनता है.
वहीं अभी-अभी कांग्रेस अध्यक्ष बने विधायक राजेश कुमार ने भी अपने नाम पर चर्चा शुरू करा दी है. उनके समर्थक उनके युवा और दलित होने के आधार पर उनके नाम की चर्चा मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में कर रहे हैं.
महागठबंधन में शामिल वीआईपी के मुकेश साहनी ने अभी हाल में एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में साफ कहा था कि वो बिहार में उपमुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. अगर तेजस्वी मुख्यमंत्री बनते हैं तो साहनी के समर्थक ये सपना भी संजोए बैठे हैं कि अति पिछड़ा वर्ग का समर्थन होने के कारण उनके नाम की चर्चा उपमुख्यमंत्री के तौर पर भी हो सकती है.