बिहार: नीतीश कुमार ने विधायक निधि में किया एक करोड़ का इजाफा, MLA अब हर साल खर्च करेंगे तीन करोड़

बिहार विधानमंडल में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायक (एमएलए) और विधान पार्षद (एमएलसी) निधि दो करोड रूपये से बढाकर तीन करोड रूपये करने की घोषणा की।
बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में नीतीश ने उक्त आशय की घोषणा करते हुए कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के संतुलित क्षेत्रीय विकास के उदेश्य से राज्य सरकार ने वर्ष 2011—12 से मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना नामक एक बहुआयामी योजना प्रारंभ की थी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2011—12 से वित्त वर्ष 2012—13 तक विधानमंडल के सदस्यों की अनुशंसा पर स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्रति वर्ष प्रति सदस्य एक करोड रूपये की दर से आवंटन उपलब्ध कराया जाता था।

नीतीश ने कहा कि इस योजना की उपयोगिता एवं स्थनीय आवश्यकता तथा जनप्रतिनिधियों की मांग पर वित्तीय वर्ष 2013—14 से एक करोड रूपये की वित्तीय सीमा को बढाकर प्रति वर्ष प्रति सदस्य दो करोड रूपये कर दी गयी जिसके अनुसार प्रति वर्ष विधानमंडल के सदस्यों की अनुशंसा पर योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 636 करोड रूपये उपलब्ध कराया जाता रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की स्थानीय आवश्यकता एवं जनप्रतिनिधियों की मांग को देखते हुए मैं मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत विधानमंडल के सदस्यों की अनुशंसा पर लोक कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्रति वर्ष प्रति सदस्य दो करोड रूपये की राशि को बढाकर तीन करोड रूपये किए जाने की घोषणा करता हूं एवं यह वर्तमान वित्त वर्ष 2018—19 से ही प्रभावी हो जाएगा।

नीतीश ने कहा कि अब इस कार्यक्रम के अंतर्गत माननीय विधानमंडल सदस्यों की अनुशंसित योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्रत्येक वर्ष 636 करोड रूपये के स्थान पर 954 करोड रूपये का व्यय राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। बिहार विधान परिषद में जदयू सदस्य दिलीप कुमार चौधरी द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से आने वाले सदस्यों के एमएलसी निधि के खर्च किए जाने का दायरा एक जिले के स्थान पर दो जिले करने के अनुरोध को भी मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया।

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