बिहार: ‘माय’ समीकरण के 30% वोट बैंक में सेंधमारी का प्लान- 10000 लोगों को ट्रेनिंग देंगे अमित शाह

बीजेपी अध्यक्ष मिशन 2019 को सफल बनाने और उसके लिए चुनावी रणनीति बनाने में इन दिनों सभी राज्यों का दौरा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में गुरुवार (12 जुलाई) को अमित शाह पटना पहुंच रहे हैं, जहां वो राज्यभर के बीजेपी नेताओं से मुलाकात करेंगे और चुनावी मिजाज का आंकलन करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान अमित शाह बूथ स्तर पर चुनावी प्रबंधन की अपनी पाठशाला भी लगाएंगे। माना जा रहा है कि बीजेपी अध्यक्ष इस दौरान करीब 10 हजार शक्ति केंद्र प्रमुखों को चुनावी टिप्स देंगे। बता दें कि बीजेपी खासकर अमित शाह बूथ स्तर पर चुनाव प्रबंधन की रणनीति बनाते रहे हैं। गुजरात और कर्नाटक चुनावों में भी वो इसे आजमाकर संगठन की जड़ें मजबूत कर चुके हैं। पिछले कई विधानसभा चुनावों में उनकी इस रणनीति से बीजेपी को फायदा भी हुआ है।

बिहार में करीब 63 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ हैं। इनमें से 51 हजार बूथों का डाटा बीजेपी ने इकट्ठा किया है। ईटी के मुताबिक बीजेपी ने लालू यादव के माय समीकरण को तोड़ने के लिए उन बूथों का डाटा भी जुटाया है, जहां मुस्लिमों और यादवों की अच्छी तादाद है। कहा जाता है कि राज्य में मुस्लिमों और यादवों का करीब 30 फीसदी वोट बैंक पर कब्जा है। इनके अलावा दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग का भी डाटा जुटाया गया है ताकि उनतक सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी अपनी पहुंच बना सके और अपनी बात उन तक पहुंचा सके।

बीजेपी हाल के चुनावों में पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति कर चुनाव का माइक्रोलेवल पर मैनेजमेंट करती रही है। ये पन्ना प्रमुख बूथ प्रमुख को रिपोर्ट करते हैं। बूथ प्रमुख विधानसभा प्रमुख के संपर्क में रहते हैं। बीजेपी ने माइक्रोलेवल मैनेजमेंट के तहत ही राज्य में 10 हजार शक्ति केंद्र स्थापित किए हैं। इसके अलावा बीजेपी ने राज्य में आईटी और सोशल मीडिया की करीब 45 टीमें भी गठित की हैं। माना जा रहा है कि अमित शाह सोशल मीडिया टीम के लोगों को भी चुनावी प्रचार आक्रामक ढंग से करने के टिप्स देंगे। बता दें कि 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव के बाद अमित शाह का यह पहला बिहार दौरा है।

अपने बिहार दौरे के क्रम में अमित शाह राज्य के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से भी मिलेंगे। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच होने वाली मुलाकात में सीट शेयरिंग पर बातचीत होगी। जेडीयू पिछले कुछ समय से राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों की मांग करती रही है लेकिन दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद 17 सीटों पर भी राजी होने के संकेत दिए हैं। इसके अलावा जेडीयू नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात करती रही है जिसे बीजेपी दरकिनार करती रही है। माना जा रहा है कि अमित शाह शक्ति केंद्रों के माध्यम से नीतीश की छवि की काट निकालने की कोशिश में है और मतभेद की स्थिति में अकेले भी चुनाव लड़ने की योजना पर काम कर रही है।

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