बिहार में भी कश्मीर जैसा हाल? बीजेपी गिरा सकती है नीतीश सरकार, कांग्रेस का दावा

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी की महबूबा सरकार से समर्थन वापस लेकर वहां राज्यपाल शासन लागू कराने वाली बीजेपी अब बिहार में भी नीतीश सरकार गिरा सकती है। बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल का आरोप है कि केंद्र की सत्ता में काबिज बीजेपी कुछ इसी तरह का प्लान बना रही है। शविनार (23 जून) को गुजरात के वडोदरा में गोहिल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ भी हुआ उससे इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बिहार में भी बीजेपी जेडीयू से समर्थन वापस लेकर सरकार गिरा दे। 19 जून को बीजेपी ने पीडीपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इससे महबूबा मुफ्ती को इस्तीफा देना पड़ा था। न्यूज 18 के मुताबिक गोहिल ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है। बता दें कि हाल ही में नीति आयोग की बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की मांग का समर्थन किया था और बिहार के लिए भी विशेष राज्य का दर्जा मांगा था। पिछले रविवार (17 जून) को नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक हुई थी जिसमें नीतीश कुमार की मांग ठुकरा दी गई थी।

साल 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में राजद और जेडीयू के महागठबंधन को बहुमत मिला था लेकिन पिछले साल 2017 के जुलाई में नीतीश कुमार ने राजद से गठबंधन तोड़कर और बीजेपी के साथ मिलकर एनडीए की सरकार बनाई थी। तब राजनीतिक जगत में नीतीश कुमार की आलोचना हुई थी। राजद ने नीतीश कुमार को पलटूराम कहा था। अब जेडीयू-बीजेपी सरकार के एक साल पूरे होने से पहले ही दोनों दलों के बीच रिश्तों में तल्खी बढ़ने लगी है। नीतीश कुमार ने खुद और उनकी पार्टी ने कई मौकों पर इसके संकेत भी दिए हैं। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे पर भी दोनों दलों के बीच खींचतान जारी है। जेडीयू राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 25 पर अपना उम्मीदवार चाहती है और शेष 15 सीटें एनडीए के तीनों घटक दलों- बीजेपी, एलजेपी, आरएलएसपी को देना चाहती है।

नीतीश कुमार राज्य में बढ़ते अपराध और साम्प्रदायिक तनाव की वजह से भी विरोधियों के निशाने पर हैं जबकि सुशासन उनके सरकार की पहचान और यूएसपी रही है। इस साल रामनवमी के आरपास राज्य के करीब दर्जनभर जिलों में साम्प्रदायिक हिंसा भड़की थी। आरोप है कि अधिकांश जगहों पर बीजेपी ने सियासी फायदे के लिए इसकी साजिश बुनी थी। नीतीश ने विशेष राज्य के मुद्दे पर भी बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। इसके अलावा योग दिवस के मौके पर भी नीतीश ने खुद को अलग रखा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *