बिहार: BJP पर भड़की JDU, बोली-साथियों की जरूरत नहीं तो अकेले लड़ लें 40 सीटों पर
बिहार की सत्ता के साझीदार दो पार्टनरों के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर जेडीयू लगातार मुखर हो रही है। जनता दल यूनाईटेड ने कहा है कि नीतीश कुमार के बिना बीजेपी बिहार में नहीं जीत पाएगी, इस तथ्य को भाजपा भी समझती है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जेडीयू नेता संजय सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि बिहार बीजेपी के नेता जो सुर्खियां बनाना चाहते हैं उन्हें काबू में रखा जाना चाहिए। संजय सिंह ने कहा कि अगर बीजेपी को गठबंधन की जरूरत नहीं है तो वह अकेले 40 सीटों पर लड़ने के आजाद है। संजय सिंह ने कहा, “राज्य बीजेपी के जो नेता हेडलाइन्स बनाना चाहते हैं, उन्हें काबू में रखा जाना चाहिए, 2014 और 2019 में बहुत फर्क है, बीजेपी जानती है कि नीतीश जी के बिना वो जीत नहीं पाएगी, यदि बीजेपी को सहयोगियों की जरूरत नहीं है तो वे बिहार की सभी 40 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने को आजाद हैं।” साफ तौर पर जेडीयू का इशारा उन बीजेपी नेताओं की ओर था जो लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहते हैं
बता दें कि जदयू अगले लोकसभा चुनावों की खातिर 2015 के राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर सीटों का बंटवारा चाहता है। जदयू ने विधानसभा चुनाव में भाजपा से बेहतर प्रदर्शन किया था। हालांकि तब दोनों दल अलग-अलग खेमे में थे। साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू को राज्य की 243 सीटों में से 71 सीटें हासिल हुई थीं जबकि भाजपा को 53 और लोजपा-रालोसपा को दो-दो सीटें मिली थीं। भाजपा और उसकी दो सहयोगी पार्टियों-राम विलास पासवान की अगुवाई वाली लोजपा और उपेंद्र कुशवाहा की अगुवाई वाली रालोसपा-की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जदयू की इस मांग पर सहमति के आसार न के बराबर हैं। लेकिन जदयू नेताओं का दावा है कि 2015 का विधानसभा चुनाव राज्य में सबसे ताजा शक्ति परीक्षण था और आम चुनावों के लिए सीट बंटवारे में इसके नतीजों की अनदेखी नहीं की जा सकती।
सीट बंटवारे को लेकर बिहार एनडीए के साझेदारों में अभीतक बातचीत शुरू नहीं हुई है, लेकिन जदयू ने मोलभाव शुरू कर दिया है। दरअसल पार्टी किसी तरह का जोखिम ना लेते हुए लोकसभा के लिए काफी पहले से ही तैयारी करना चाहती है। 21 जून को जदयू के नेताओं ने योग दिवस समारोहों में हिस्सा नहीं लिया। पार्टी ने कहा कि वह इस साल के अंत में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारेगी। जदयू ने अगले महीने दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है जिसमें कई मुद्दों पर पार्टी अपना रुख साफ करेगी।