बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में बांटे गए अशोक चक्र वाले स्मृति चिन्ह, देनी पड़ी सफाई
उत्तराखंड के काशीपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यसमिति की बैठक में कथित तौर पर अशोक चक्र वाले स्मृति चिन्ह बांटे गए, जिस पर पार्टी को सफाई देनी पड़ी है। बीजेपी नेता वीरेंद्र रावत ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ”हमारी पार्टी ने हमेशा संविधान को माना है, हम इस मामले में जरूर पड़ताल करेंगे।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक गुरुवार (12 जुलाई) को रखी गई थी। बैठक में बीजेपी कार्यकर्ताओं को जो स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए थे, उनमें अशोक स्तंभ के साथ पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल का फूल भी दिखाई दे रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, राज्य के पार्टी प्रभारी श्याम जाजू और महामंत्री (संगठन) शिव प्रकाश ये प्रतीक चिन्ह कथित तौर पर भेंट किए गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार निजी कार्यक्रमों में राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। स्थानीय मीडिया के अनुसार बीजेपी कार्यसमिति की यह तस्वीर सामने आने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी विरोधियों से एक बार फिर से घिर गई है।
Our party has always followed the constitution,we will surely inquire into this matter: Virendra Rawat BJP on mementos with Ashok Chakra emblems on them distributed at BJP executive meet in Kashipur #Uttarakhandpic.twitter.com/MzPeavOrkA
— ANI (@ANI) July 13, 2018
बता दें कि कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुए सीएम रावत ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को गंभीरता से लेते हुए नाबालिग बच्चियों से रेप के दोषियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान लाने की बात कही। उन्होंने इस बारे में ट्वीट भी किया। सीएम रावत ने ट्वीट में लिखा, ”मेरी सरकार अवयस्क बालिकाओं के साथ बलात्कार के मामले में दोषियों को फांसी की सजा का प्रावधान करेगी और इसको सुनिश्चित करने हेतु जल्दी ही कानून बनाया जाएगा।”
मेरी सरकार अवयस्क बालिकाओं के साथ बलात्कार के मामले में दोषियों को फाँसी की सज़ा का प्रावधान करेगी और इसको सुनिश्चित करने हेतु जल्दी ही क़ानून बनाया जाएगा ।
— Trivendra S Rawat (@tsrawatbjp) July 12, 2018
पिछले दिनों के मुख्यमंत्री रावत उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे जब एक बस हादसे की पड़ताल के दौरान भीड़ में से एक महिला ने उन्हें कथित तौर पर कह दिया था कि वह चले जाएं, नहीं तो पत्थर मार देगी। दरअसल पिछले दिनों घुमाकोट इलाके में बस हादसे की सूचना मिलने के बाद सीएम रावत अधिकारियों के काफिल के साथ मौके का मुआयना करने पहुंचे थे। इस दौरान एक महिला उन पर भड़क गई थी और उन्हें खरी-खोटी सुनाने लगी थी। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इससे कुछ दिन पहले सीएम त्रिवेंद्र रावत को विरोधियों समेत आलोचकों का सामना तब करना पड़ गया था जब एक महिला टीचर को वह निलंबित करने की धमकी देते हुए देखे गए थे। महिला टीचर अपने ट्रांसफर की अर्जी लेकर सीएम के पास पहुंची थी लेकिन तभी सीएम और महिला में कहासुनी देखी गई थी। उस मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।