Mr Ananth Kumar Hegde …as an elected representative …how can u stoop down so low …by commenting on ones parenthood … #justasking
केंद्रीय कौशल विकास राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने धर्मनिरपेक्षता पर विवादास्पद बयान दे दिया है। कर्नाटक में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील होने का दावा वे लोग करते हैं, जिन्हें अपने मां-बाप के खून का पता नहीं होता है। केंद्रीय मंत्री ने लोगों को खुद की पहचान धर्मनिरपेक्ष के बजाय धर्म और जाति के आधार पर करने की वकालत की है। साथ ही कहा कि इस सोच के साथ संविधान में बदलाव भी किया जा सकता है और इसीलिए हमलोग यहां हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने उनके बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अनंत हेगड़े पंचायत पद के काबिल भी नहीं हैं।
अनंत हेगड़े कोप्पल जिले के यलबुर्गा में ब्राह्मण युवा परिषद और महिलाओं के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘जो लोग धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील होने का दावा करते हैं, उन्हें अपने मां-बाप और उनके खून के बारे में जानकारी ही नहीं होती है। मुझे बहुत खुशी होगी यदि कोई व्यक्ति खुद की पहचान मुस्लिम, ईसाई, ब्राह्मण, लिंगायत या हिंदू के तौर पर करता है। इस तरह की पहचान से आत्मसम्मान हासिल होता है। समस्या तब उत्पन्न होती है जब कोई खुद को धर्मनिरपेक्ष कहता है।’ सीएम सिद्दरमैया ने कहा कि अनंत हेगड़े को संस्कृति और संसदीय भाषा का ज्ञान ही नहीं है।
प्रकाश राज ने जताई कड़ी प्रतिक्रिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले फिल्म अभिनेता प्रकाश राज ने केंद्रीय मंत्री को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अनंत हेगड़े आप एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, ऐसे में आप किसी के मां-बाप पर टिप्पणी कर इतना नीचे कैसे गिर सकते हैं?’ उन्होंने टि्वटर पर एक पत्र जारी कर कहा कि धर्मनिरपेक्ष होने का मतलब यह नहीं है कि किसी व्यक्ति को धर्म के आधार पर नहीं पहचाना जा सकता है। धर्मनिरपेक्षता का मतलब अन्य धर्मों को स्वीकार कर उसका सम्मान करना होता है।