बीजेपी सांसद बोलीं-मॉब लिंचिंग की बात कहने वाले हैं पाखंडी, भूल गए 1984 के दंगे और कारसेवकों की हत्या
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि उनकी सरकार जितनी गायों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, उतनी ही मानव जीवन की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है।
योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार मानव जीवन की सुरक्षा के लिए भी उतनी ही प्रतिबद्ध है, जितनी गायों की सुरक्षा के लिए है। गायों की सुरक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। योगी ने स्पष्ट किया कि भीड द्वारा पीट-पीट कर किसी को मारने की घटना राज्य में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार मवेशियों की तस्करी और वध से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समान रूप से प्रतिबद्ध है। भीड द्वारा किसी को पीट-पीट कर मारे जाने की हाल की घटनाओं को लेकर आयी खबरों के बीच योगी ने समाचार चैनलों से कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक ऐसी किसी घटना की खबर नहीं है लेकिन जहां कहीं भी ऐसा हो रहा है, उन्हें रोका जाना चाहिए। हालांकि गायों की तस्करी और वध भी रोका जाना चाहिए।
उन्होंने कहा,‘‘ किसी भी हालत में हम किसी को गाय की तस्करी और वध नहीं करने देंगे। हर किसी की आस्था का सम्मान होना चाहिए।’’ योगी ने इस आरोप से इनकार किया कि आवारा पशु किसानों के लिए दिक्कत पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘ आवारा पशु हमारे सत्ता में आने से पहले भी थे। वस्तुत: हमारी सरकार ने राज्य के हर जिले में गौशालाएं बनायीं।’’ मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी 28 वर्षीय रकबर खान की मौत के परिप्रेक्ष्य में आयी है। राजस्थान के अलवर में गांव वालों की भीड़ ने उस पर इस आशंका के चलते हमला कर दिया था कि वह गायों की तस्करी कर रहा है।
केन्द्र सरकार ने एडवाइजरी (परामर्श) भेजकर कहा है कि राज्यों को ऐसी घटनाओं के प्रति उपाय करने की आवश्यकता है। गाय की तस्करी की आशंका में अलवर में एक व्यक्ति की हत्या की ताजा घटना ने जहां राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने ऐसे मुद्दे उठाने वालों को पाखंडी बताते हुए कहा कि वे 1984 के सिख विरोधी दंगे और 2002 में कारसेवकों की कथित हत्या की घटनाओं को भूल गये हैं।विपक्षी नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव ने भाजपा को आडे हाथ लेते हुए कहा कि मुस्लिम अक्सर भीड के हमले का शिकार बनते हैं।