बीजेपी सांसद बोले- पत्थरबाजों से केस वापसी नहीं, मार देनी चाहिए गोली
पत्थरबाजों से केस वापस लेने के सरकार के फैसले पर बीजेपी सांसद डीपी वत्स ने काफी चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि केस वापस लेने की जगह पत्थरबाजों को गोली मार देना चाहिए। हरियाणा से बीजेपी के राज्यसभा सांसद वत्स ने शनिवार को यह बात कही। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘मैंने पत्थरबाजों के ऊपर चल रहे केस वापस लेने की खबर पढ़ी है, लेकिन मैं सोचता हूं कि पत्थरबाजों को जान से मार देना चाहिए।’ वत्स ने यह बात जम्मू कश्मीर की पीडीपी-बीजेपी सरकार के उस फैसले पर ली, जिसमें पत्थरबाजों के खिलाफ चल रहे केस वापस लेने को कहा गया था।
डीपी वत्स का यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के ऐलान के महज दो दिन बाद आया। राजनाथ ने 7 जून को पत्थरबाजों पर चल रहे केस वापस लेने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि बच्चे गलतियां कर सकते हैं, इसीलिए सरकार ने उन युवाओं के खिलाफ मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है जिन्हें सुरक्षा कर्मियों पर पत्थर फेंकने के लिए गुमराह किया गया था।
I read about the withdrawal of cases against stone-pelters but I think those pelting stones should be shot dead: DP Vats, BJP Rajya Sabha MP in Bhiwani, Haryana (09.06.2018) pic.twitter.com/l8dFfvjpQA
— ANI (@ANI) June 11, 2018
राजनाथ ने शेर-ए-कश्मीर इंडोर स्टेडियम में 6,000 से अधिक युवाओं (जिनमें अधिकांश खिलाड़ी थे) को संबोधित करते हुए कहा, “बच्चे गलतियां कर सकते हैं। यही कारण है कि हमने उन बच्चों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने का फैसला किया है जिन्हे पत्थरबाजी के लिए गुमराह किया गया था। हमने 10,000 युवाओं पर से पत्थरबाजी का केस वापस लेने का फैसला किया है।राजनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू एवं कश्मीर के युवाओं के भविष्य को लेकर चिंतित है। पिछले साल सरकार के पत्थरबाजी करने वाले 6,000 से अधिक युवाओं के खिलाफ मुकदमे वापस लेने के फैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, “हर जगह के बच्चे एक समान होते हैं। हम समझते हैं कि कुछ युवाओं को पत्थरबाजी करने के लिए गुमराह किया गया था।” हालांकि पिछले हफ्ते केंद्र ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से कहा था कि जम्मू कश्मीर सरकार का पत्थरबाजों पर से केस वापस लेने का फैसला सुरक्षाबलों के लिए सही नहीं है और इससे आतंकियों को और भी ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा। वे नागरिकों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधि में ज्यादा करने लग जाएंगे।