बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने फिर किया बड़ा हमला, अमित शाह को दीं नसीहतें
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने फिर एक नया बयान देकर विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा के सभी मंत्रियों को कोर्ट पैन्ट नहीं पहनना चाहिए क्योंकि पश्चिमी देशों द्वारा थोपा गया यह ड्रेस गुलामी का प्रतीक है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है, “पश्चिमी परिधान थोपी हुई विदेशी गुलामी का प्रतीक है। बीजेपी को चाहिए कि वो अपने मंत्रियों के लिए एक अनुशासन बनाए जिसके तहत सभी मंत्री भारतीय जलवायु के अनुकूल ही देशी वस्त्र पहनें।” इसके साथ ही स्वामी ने भाजपाइयों को दारू छोड़ने की भी नसीहत दी है। उन्होंने लिखा है, “संविधान की धारा 49 शराब पर प्रतिबंध की बात करता है। हालांकि, मैं इसके दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ हूं। बीजेपी को चाहिए कि वो इसे भी अनुशासन के तहत शामिल करे।”
पश्चिमी परिधान न पहनने पर स्वामी ने इसके पीछे तर्क दिया है कि इससे भारतीय संस्कृति को न सिर्फ बढ़ावा मिल सकेगा बल्कि देशी अर्थव्यवस्था को भी ताकत मिल सकेगी। स्वामी ने कहा कि कई विदेशी कंपनियां मेक इन इंडिया के तहत भारत में निवेश करने को इच्छुक हैं मगर वो कार्यरूप में परिणत नहीं हो पा रहा है। यह पहली दफा नहीं है जब स्वामी ने भारतीय संस्कृति और देशी परिधान की वकालत की हो। इससे पहले पिछले साल भी स्वामी ने ट्वीट कर केंद्रीय मंत्रियों पर निशाना साधा था और कहा था कि जब वो विदेशी दौरे पर हों तो कोर्ट-पैन्ट छोड़कर देशी कपड़े ही पहनें।
अभी तीन दिन पहले ही स्वामी ने जीडीपी पर फर्जी आंकड़े की बात कहकर सरकार और बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी की थीं। स्वामी ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के अधिकारियों पर बेहतर आर्थिक आंकड़े देने के लिए दबाव बनाया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था और जीडीपी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने इन आंकड़ों को फर्जी बताया था। स्वामी के इस आरोप से मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी शनिवार को अहमदाबाद में चार्टर्ड अकाउंटेंट के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर सीएसओ के अधिकारियों पर अच्छे आंकड़े देने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, “कृपा करके जीडीपी के तिमाही आंकड़ों पर न जाएं। वे सब फर्जी हैं। यह बात मैं आपको कह रहा हूं, क्योंकि मेरे पिता ने सीएसओ की स्थापना की थी। हाल ही में मैं केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा (सांख्यिकी मंत्री) के साथ वहां गया था। उन्होंने सीएसओ अधिकारियों को आदेश दिया, क्योंकि नोटबंदी पर आंकड़े देने का दबाव था। इसलिए वह जीडीपी के ऐसे आंकड़े जारी कर रहे हैं, जिससे यह पता चल सके कि नोटबंदी का कोई असर नहीं पड़ा।”