बीमारी है शारीर‍िक संबंध से दूर भागना, जान‍िए क्‍या हैं कारण, लक्षण, इलाज

किसी भी व्यक्ति में सेक्शुअल डिसफंक्शन कई तरह का हो सकता है। लो लिबिडो यानी कि कामेच्छा में कमी, इरेक्शन की समस्या, स्खलन की समस्या और ऑर्गेज्म संबंधी समस्याएं इनमें शामिल हैं। इन समस्याओं के कारण अलग-अलग होते हैं लेकिन कुछ चिकित्सकीय प्रक्रियाएं एक ही समय में इस तरह की दो या अधिक समस्याओं का निदान आसानी से कर सकती हैं। कामेच्छा में कमी यानी कि लो लिबिडो प्रॉब्लम आज के समय में तेजी से बढ़ती एक गंभीर समस्या है। इस समस्या का अगर समाधान चाहिए तो जरूरी है कि इसके बारे में थोड़ी जानकारी हो। तो चलिए जानते हैं क्या है लो लिबिडो।

क्या है लो लिबिडो – लो लिबिडो यानी कि कामेच्छा में कमी ऐसी अवस्था है जब पुरुष या फिर स्त्री को शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा या तो कम हो जाए या बिल्कुल ही बंद हो जाए। लो लिबिडो को रोगी के यौन संतुष्टि के स्तर के हिसाब से भी तय किया जाता है। शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा संबंधी समस्या से ग्रस्त लोगों की संख्या बहुत कम है। यह एक हार्मोनल और मानसिक दिक्कत की तरह है। कामेच्छा के लिए पुरुषों के रक्त में टेस्टोस्टेरॉन का लेवल सामान्य स्तर पर होना चाहिए।

लो लिबिडो के कारण क्या हैं – लो लिबिडो के लिए जो सबसे प्रमुख जिम्मेदार कारक है वो है व्यक्ति की उम्र। जैसे-जैसे किसी की उम्र बढ़ती जाती है उसके रक्त में टेस्टोस्टेरॉन का लेवल कम होता जाता है। ऐसे में कामेच्छा का घटना स्वाभाविक है। इसके अलावा एल्कोहल का सेवन भी इस समस्या को बढ़ाने का काम करता है। कुपोषण भी किसी के लिबिडो को प्रभावित कर सकती है। आवश्यक पोषक तत्वों के अभाव में कामेच्छा के कम होने में कोई हैरत की बात नहीं है। स्मोकिंग करने वाले लोगों में भी लो लिबिडो की समस्या देखी गई है। इसके अलावा ड्रग्स कंजप्शन की वजह से भी लोगों की कामेच्छा प्रभावित होती है। डिप्रेशन, थकान, हाइपोएक्टिव सेक्शुअल डिसऑर्डर, रिलेशनशिप प्रॉब्लम्स, कोई गंभीर बीमारी या फिर अन्य किसी तरह के यौन रोग भी सेक्शुअल डिजायर में कमी के कारण हो सकते हैं।

क्या हैं लो लिबिडो के लक्षण – लो लिबिडो की समस्या से पीड़ित व्यक्ति सेक्शुअल रिलेशन की शुरुआत नहीं करना चाहता। अगर वह सेक्शुअल एक्टिविटीज में भाग लेता भी है तो इरेक्शन संबधी समस्याओं की वजह से वह इसमें सफल नहीं हो पाता।

लो लिबिडो का उपचार – लो लिबिडो के कारणों के आधार पर उनके लिए संभव उपचार की विधि अपनाई जाती है। कामेच्छा में कमी की समस्या से पीड़ित रोगी को अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करने की जरूरत है। पोषक तत्वों से भरपूर डाइट, पर्याप्त नींद, एल्कोहल का कम सेवन और तनाव को कम करके इस समस्या से निजात पाने में मदद मिलती है। अगर किसी तरह की दवा लेने में आपके लिबिडो पर प्रभाव पड़ता है तो उसे तुरंत बदल दें। अगर यह समस्या साइकोलॉजिकल होती है तो ज्यादातर डॉक्टर्स थेरेपी की सलाह देते हैं। लिबिडो बढ़ाने का दावा करने वाले लेविट्रा, सिआलिस और वियाग्रा जैसे तमाम प्रोडक्ट्स कामेच्छा नहीं बढ़ाते बल्कि वो केवल इरेक्शन बनाए रखने में मदद करते हैं।

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