बीवी की सुप्रीम कोर्ट से गुहार- पति के पोर्न देखने की लत से शादीशुदा जिंदगी बर्बाद, लगा दीजिए बैन

कोलकाता से मुंबई शिफ्ट हुई एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट से पोर्न वेबसाइटों पर बैन लगाने की गुहार लगाई है। महिला ने सर्वोच्च अदालत को बताया है कि उसके पति की पोर्न देखने की लत के चलते उसकी शादीशुदा जिंदगी बर्बाद हो गई है। द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक महिला ने गुरुवार (15 फरवरी) को शीर्ष अदालत में इस बाबत हलफनामा दिया। महिला एक गैर सरकार संस्था के लिए बतौर प्रबंधक काम करती है, उसका कहना है कि पोर्न देखने की लत के कारण उसके पति की पौरुष शक्ति भी खत्म हो गई और वह आपसी सहमति से तलाक के लिए दवाब डाल रहा था। महिला ने कहा- ”ऐसा लगता कि जैसे मेरे पति को मेरे साथ प्राकृतिक यौन संबंध बनाने से डर लगता है, जिससे मेरी शादीशुदा जिंदगी बर्बाद हो रही है।” महिला ने आगे कहा- ”मैं पोर्नोग्राफी की पीड़ित हूं, मैं बड़ी विनम्रता के साथ सम्मानीय अदालत के ध्यान में इंटरनेट पर पोर्न वीडियो से मची तबाही को लाना चाहती हूं।”

महिला ने बताया कि उसके पति ने पोर्न देखने की लत छोड़ने से इनकार किया है। महिला की शादी 2016 में मुंबई में हुई थी। महिला मूल रूप से कोलकाता की है, लेकिन शादी के बाद वह नौकरी की वजह से महाराष्ट्र में रहने लगी, उसका पति भी मुंबई में एक गैर सरकारी संस्था के लिए काम करता है। महिला ने बताया कि वह एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार से है और अच्छी शिक्षा, शिष्टाचार और उच्च नैतिक मूल्यों को अपनाया है। महिला ने बताया कि उसका पति दिन का ज्यादातर वक्त मोबाइल पर इंटरनेट के जरिये आसानी से उपलब्ध पोर्न देखने में बिताता है, इससे उसका दिमाग खराब हो गया और उसकी शादीशुदा जिंदगी तबाह हो गई है।

महिला ने कहा कि जब से उसकी शादी हुई है, उसे वैवाहिक जीवन का सुख नहीं मिला है। महिला ने यह भी बताया कि उसका पति उसकी मर्जी के खिलाफ उस पर अप्राकृतिक तरीके से यौन संबंध बनाने का दबाव डालता है। महिला ने अपना हलफनामा 2013 में मध्य प्रदेश के याचिकाकर्ता कमलेश वासवानी की उस याचिका का संदर्भ देते हुए दिया, जिसमें वासवानी ने शीर्ष अदालत से कहा था कि पोर्न साइटें भी देश में सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं और उन पर बैन लगा देना चाहिए। हालांकि अभी सर्वोच्च न्यायालय ने महिला के हलफनामे के लिए कोई तारीख मुकर्रर नहीं की है।

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