बुजर्ग की जान बचाने के लिए कंधे पर रखकर दो किमी चला पुलिसवाला, सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर
उत्तराखंड में एक पुलिस वालों की जांबाजी की चर्चे सभी कर रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस विभाग के सब-इंस्पेक्टर लोकेंद्र बहुगुणा ने एक बुजुर्ग शख्स को अपने अपने कंधे पर लादकर उन्हें दो किलोमीटर तक पैदल पैदल ही ले आए। बुजुर्ग शख्स की तबियत अचानक खराब हो गई थी और वो घोड़े पर चलने की स्थिति में नहीं थे। तब ही वहां मौजूद सब-इंस्पेक्टर ने जाबांजी दिखाते हुए बुजुर्ग शख्स को अपने कंधे पर लादा और दो किलोमीटर चलने के बाद उन्हें स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। जिसके बाद बुजुर्ग शख्स की जान बचाई जा सकी। उत्तराखंड पुलिस ने खुद एक फेसबुक पोस्ट के जरिए इस बात की जानकारी दी है।
फेसबुक पोस्ट पर उत्तराखंड पुलिस ने लिखा कि राज्य पुलिस की मानवता का एक और उदाहरण मंगलवार (5 जून) को उत्तरकाशी में देखने को मिला जब यमुनोत्री चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर लोकेंद्र बहुगुणा जाम खुलवाने के लिए पैदल भैरो घाटी से ऊपर के मोडों पर गये। जाम खुलवाते वक्त मध्य प्रदेश से आये यात्री रांझी राजक अचानक सीने मे दर्द होने के कारण जमीन पर गिर पड़े। मौके पर मौजूद एसआई लोकेन्द्र बहुगुणा ने उन्हें घोड़े पर बिठाने की कोशिश की परन्तु सीने मे अत्यधिक दर्द होने के कारण वह घोड़े पर संभल नही पा रहा थे।
पर्यटक की तबीयत ज्यादा बिगड़ते देख सब इंस्पेक्टर लोकेन्द्र बहुगुणा ने बिना वक्त गवाएं पर्यटक को तुरंत अपनी पीठ पर लादकर लगभग 02 किलोमीटर तक पैदल चलकर उन्हें प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र यमुनोत्री में भर्ती कराया। यात्री रांझी रजक की इलाज के बाद डॉक्टरों ने कहा कि अगर इस रांझी को अस्पताल लाने मे थोड़ी देर और हो जाती तो लो ब्लड प्रेशर व हार्टअटैक के कारण से इनकी मृत्यु भी हो सकती थी। बहरहाल अब सभी लोग सब इंस्पेक्टर लोकेंद्र बहुगुणा की जमकर प्रशंसा कर रहे हैं। राज्य के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने लोकेंद्र बहुगुणा की इस जिंदादिली के लिए उन्हें बतौर इनाम 5000 रुपये पुरस्कार देने का ऐलान भी किया है।
आपको याद दिला दें कि कुछ ही दिनों पहले नैनीताल जिले में स्थित रामनगर पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्ट गगनदीप सिंह ने एक मुस्लिम युवक इरफान को उग्र हिंदूओं की भीड़ का शिकार होने से बचाया था। गगनदीप अकेले ही भीड़ से भिड़ गए थे और किसी तरह उन्होंने इरफान को वहां से निकाला था। गगनदीप के इस बहादुरी भरे काम की भी सभी ने प्रशंसा की थी।