बेटी के साथ 7 दलित लड़कियों की शादी, सभी को दिया घर का सामान, 3000 मेहमानों को भी दावत

गुजरात के एक व्यक्ति ने देश में मौजूद जातीय बंधनों को तोड़ने के लिए एक बहुत ही अच्छी पहल की है। दरअसल इस व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी के अवसर पर बाल्मिकी (दलित) समाज की 7 अन्य लड़कियों की भी शादी करायी। इस व्यक्ति ने ना सिर्फ दलितों की बेटियों की शादी करायी, बल्कि उन्हें उपहारस्वरुप पूरा घर का सामान भी दिया। शादी के दौरान करीब 3000 लोगों को भोज भी कराया गया। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, यह अच्छी पहल की है गुजरात के पाटन शहर से 7 किलोमीटर दूर एक गांव अजीमना के रहने वाले अमरुत देसाई ने। अमरुत देसाई की इस पहल की सभी लोग सराहना कर रहे हैं।

अपनी इस पहल पर अमरुत देसाई ने कहा कि अपनी बेटी की शादी के साथ ही दलितों की बेटियों की शादी कराकर हमने समाज में मौजूद जातीय बंधनों को तोड़ने की कोशिश की है। देसाई ने कहा कि जब मेरी बेटी की शादी तय हुई तो मैंने सोचा कि सामाजिक बदलाव के लिए यह एक अच्छा मौका है। इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी और होने वाले दामाद से बात की, जब उन्होंने अपनी शादी के साथ दलितों की बेटियों की शादी की बात पर कोई ऐतराज नहीं जताया तो फिर गांव वालों से बात की गई। गांववालों ने ना सिर्फ इसे स्वीकार किया, बल्कि शादी के समारोह में अपनी भागीदारी भी निभायी।

आभूषणों से सजी नई नवेली दुल्हनों ने जब एक दुल्हनों ने अपने-अपने दूल्हों के साथ सात फेरे लिए तो लड़कियों के माता-पिता के साथ ही सभी गांववालों ने भी अमरुत देसाई की इस सराहनीय पहल की दिल खोलकर तारीफ की। देसाई का कहना है कि हमारे समाज में आज भी जाति व्यवस्था गहरे तक जमी हुई है, यह कोशिश उस जातीय व्यवस्था पर चोट करने के उद्देश्य से ही की गई है। अमरुत देसाई की यह पहल यकीनन समाज में घृणा फैलाने वाले लोगों के लिए एक सबक है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले गुजरात के ही एक अन्य व्यापारी ने अपनी बेटी की शादी पर गरीब लोगों को घर का तोहफा दिया था। इस व्यापारी ने अपनी बेटी की शादी की खुशी में कई गरीबों को बने-बनाए पक्के मकान उपहारस्वरुप दिए थे।

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