बेटे की मौत पर शांति की अपील करने वाले इमाम बोले- मैं रोता तो पूरा शहर जलकर खाक हो जाता
पश्चिम बंगाल के आसनसोल में 25 मार्च, 2018 को भड़की सांप्रदायिक हिंसा में बेटे को खोने वाले मस्जिद के इमाम मौलाना इम्दादुल रशीदी एक बार फिर सुर्खियों में बने हुए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर वह रोते तो पूरा शहर जलकर खाक हो जाता है। मौलाना ने बेटे की मौत और आसनसोल सांप्रदायिक हिंसा पर अब एक टीवी चैनल से बात की है। सांप्रदायिक हिंसा को याद करते हुए मौलाना कहते हैं, “रामनवमी के दिन मेरा बेटा सिबतुल्ला रशीदी नमाज पढ़ रहा था। बाहर लोगों के चिल्लाने की आवाज आ रही थी। जब उसने बाहर जाकर देखा तो भीड़ में वह कहीं खो गया। उसे खोजने के लिए बड़ा बेटा बाहर गया तो पुलिस ने पकड़ लिया। अगली सुबह एक फोन आया। बताया गया कि एक युवक का शव मिला। पहचान के लिए हॉस्पिटल पहुंचे तो वह मेरा बेटा था। उसे बेरहमी से मार दिया गया। नाखून उखाड़ दिए गए। उसे जला दिया गया।”
एक सवाल के जवाब में मौलाना कहते हैं, “बेटे की ऐसी हालत देखकर मैं बुरी तरह रोने लगा, लेकिन याद रहा कि मैं सिर्फ एक बाप नहीं, बल्कि एक मस्जिद का इमाम भी हूं। मेरे आंसू लोगों के गुस्से का सैलाब बन सकते हैं। अगर मैं रोता तो पहले से जल रहा शहर पूरी तरह जलकर खाक हो जाता। मैंने अपने आंसू बाहर नहीं आने दिए, बल्कि लोगों से बदलने की भावना ना रखने और शांति की अपील की।”
मौलाना कहते हैं कि बेटे की मौत के बाद हजारों लोग उनके पास आए। सभी गुस्से में थे। उन्हें समझाया कि हिंसा हुई तो शहर छोड़ देंगे। इस अपील का असर भी दिखा। मौलाना रशीदी कहते हैं, “मैं रोज मस्जिद जाता हूं। लोगों से बात करता हूं, लेकिन एक सेकंड के लिए भी बेटे का चेहरा आंखों के सामने से नहीं हटता। खुद की तसल्ली देता हूं कि अल्लाह ने उसकी उम्र इतनी ही लिखी थी।”