बेटे को मरा समझ करने लगे अंतिम संस्कार, दिल्ली पुलिस शव हॉस्पिटल ले गई तो जिंदा था युवक

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक परिवार शख्स को मृत समझ उसका अंतिम संस्कार करने लगा लेकिन दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अधिकारी की सूझबूझ से उसकी जान बचा ली गई। दरअसल बीते सोमवार (18 दिसंबर) को पुलिस को सूचना मिली कि बाड़ा हिंदूराव इलाके में एक शख्स ने आत्महत्या कर ली। जिसके बाद एसएचओ संजय कुमार अपनी टीम के साथ शाम को घटना स्थल पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने परिवारिक सदस्यों से पूरे घटनाक्रम की बारीकी जानकारी हासिल की।

कुमार को बताया गया कि राजू (21, आत्महत्या करने वाला शख्स) शाम करीब छह बजे अपने कमरे में गया जबकि पूरा परिवार लीविंग में रूम था। इसके बीस मिनट बाद राजू के पिता बातचीत के लिए उसके कमरे में पहुंचे। लेकिन राजू को छत के पंखे से लटका देख उनके होश उड़ गए। उन्होंने आपातकालीन अलार्म बजाया, जिसके बाद पूरा परिवार कमरे में पहुंचा। उसका शरीर बेडशीट से बनी रस्सी से लटका था। इसके बाद राजू को नीचे उतार पुलिस को मामले की सूचना दी गई।

गौरतलब है कि मामले में पूछताछ के लिए संजय कुमार राजू के उस कमरे का निरक्षण करने के लिए पहुंचे जहां उसने खुद को पंखे से लटका लिया। निरक्षण के दौरान कुमार ने देखा कि जहां राजू ने मरने के इरादे से खुद को लटका लिया वहां फर्श और छत के बीच की दूरी बहुत कम है। इसपर एसएचओ को अंदेशा हुआ की आत्महत्या की कोशिश के दौरान राजू के पैर फर्श से जरूर छू गए होंगे। ये पूरा घटनाक्रम तब का है जब राजू के परिवार ने उसके अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी थी। वहीं शक के आधार पर जब संजय कुमार एंबुलेंस में रखे उसके शरीर के पास पहुंचे तो पाया उसकी पल्स चल रही थी, परिवार ने जिसे मृत समझा वह राजू अबतक जीवित था। ये जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से है।

अधिकारी ने आगे बताया कि कुमार तुंरत राजू को हॉस्पिटल को लेकर पहुंचे। रास्ते में उसे सीपीआर दिया गया। राजू को बचा लिया गया। बाद में राजू की जान बचाने वाले डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि राजू की पल्स बहुत धीमी थी, अगर उसे हॉस्पिटल लाने में थोड़ी देरी होती तो कुछ भी हो सकता था। वहीं होश में आने पर राजू से आत्महत्या करने का कारण पूछा तो उसने बताया वह माता-पिता द्वारा अक्सर डांटने से तंग आ गया था।

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