बॉर्डर पर चल रहे सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन से तेलंगाना ने खींचे हाथ, 2000 नक्सलियों से अकेले लोहा ले रहा है छत्तीसगढ़

Karregutta Anti Naxalites Operation: छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के बॉर्डर पर नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सबसे बड़े ऑपरेशन में 10000 जवानों से नक्सली घिरे हुए हैं. नक्सलियों के खिलाफ चल रही इस निर्णायक लड़ाई में बेहद चौंकाने वाली बात निकलकर सामने आई है. बॉर्डर पर चल रहे इस युद्ध में तेलंगाना की पुलिस ने हाथ खींचे हुए हैं. 2000 से ज्यादा नक्सलियों से केंद्रीय सुरक्षा बलों की टीम के साथ अकेले छत्तीसगढ़ पुलिस के ही जवान मोर्चा ले रहे हैं.
छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर कर्रेगुट्टा पहाड़ में मौजूद करीब 2000 नक्सलियों से छ्त्तीसगढ़ की फोर्स अकेले लड़ रही है. तेलंगाना की लोकल पुलिस और जंगल वॉर में माहिर ग्रेहाउंड्स बैकफुट पर है. जबकि CRPF ने केंद्र के निर्देश पर मोर्चा संभाले हुआ है. तेलंगाना के पुलिस अफसर ने भी एक बयान देकर इस बात को पुख्ता कर दिया है.
ऐसे हुआ खुलासा
दरअसल इस बड़े ऑपरेशन में शामिल कुछ जवान हीट स्ट्रोक का शिकार होने के बाद वापस लौटे, तब ऑपरेशन से जुड़ी और जानकारी सामने आ सकी. ये ऑपरेशन जिस इलाके में चल रहा है वहां छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा लगती है. ऐसे में इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि इस बड़े ऑपरेशन में केन्द्रीय सुरक्षा बलों के साथ छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की लोकल पुलिस भी शामिल है. लेकिन अब ये इसका खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के जवान ही मैदान में डटे हुए हैं.
इस ऑपरेशन में तेलंगाना-महाराष्ट्र नहीं है
तेलंगाना के भद्रादि कोत्तागुडेम जिले के ASP विक्रांत सिंह ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि इस ऑपरेशन में तेलंगाना पुलिस या फिर ग्रेहाउंड्स इस शामिल नहीं है. उन्होंने कहा कि चेरला से CRPF, कोबरा दोनों ऑपरेट कर रहे हैं. लेकिन उसमें तेलंगाना पुलिस की कोई भूमिका नहीं है. महाराष्ट्र के भी एक पुलिस अफसर ने मीडिया को बताया कि इस ऑपरेशन में महाराष्ट्र की पुलिस शामिल नहीं है.
राजनीति भी शुरू
नक्सल ऑपरेशन को लेकर तेलंगाना में राजनीति शुरू हो गई है. पूर्व CM के.चंद्रशेखर राव ने इस ऑपरेशन को गलत ठहराया है. उन्होंने केंद्र से माओवादियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन कगार’ को रोकने का आग्रह किया है. उन्होंने वारंगल की एक सभा में कहा कि केंद्र सरकार जो कर रही है वह न्याय नहीं है.ऑपरेशन कगार बंद करना चाहिए. उन्होंने जनता से कहा कि अगर आप लोग सहमत हैं तो मैं केंद्र को पत्र लिखूंगा. इस नक्सल ऑपरेशन के बाद तेलंगाना में शांति वार्ता समिति के सदस्यों ने तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी से बातचीत की है. जिसमें शांति वार्ता के लिए पहल करने और ऑपरेशन रुकवाने पर जोर दिया है.
तेलंगाना स्टेट गवर्नमेंट एक्शन मोड पर नहीं
तेलंगाना के राजनीतिक सूत्र बता रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद का खात्मा करने संकल्प लिया है. छत्तीसगढ़ में भी BJP की सरकार है. जबकि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है. यही वजह है कि नक्सल ऑपरेशन को लेकर तेलंगाना स्टेट गवर्नमेंट एक्शन मोड पर नहीं है. जिस इलाके में देश के सबसे बड़े खूंखार नक्सली मौजूद हैं उस इलाके को घेरने के लिए तेलंगाना की लोकल पुलिस को निर्देश नहीं दिए गए हैं.